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उन्होंने कहा कि आजादी के पहले जलियांवाला बाग कांड रहा तो आजादी के बाद लखीमपुर खीरी है। जो अत्यंत शर्मनाक घटना है। शांतिपूर्वक आंदोलन चला रहे किसानों को गाड़ी चढ़ाकर रौंद दिया गया। देश में कानून की खुलेआम धज्जी उड़ाई जा रही हैं। जिसे रोकने में प्रदेश सरकार पूरी तरह असफल है। गोरखपुर में व्यापारी के साथ हुई घटना में आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि किसानों के ऊपर हो रहे अत्याचार कांग्रेस सरकार आते ही खत्म हो जाएंगे। किसानों पर थोपे गए काले कानून वापस होंगे। उन्होंने किसानों, छोटे व्यापारियों, नौजवान को खड़ा होकर जनविरोधी नीतियों का विरोध करने पर जोर दिया। 10 अक्टूबर को जगतपुर (वाराणसी) में आयोजित रैली को सफल बनाने पर भी जोर दिया। कैंप कार्यालय स्वागत करने वालों में जिलाध्यक्ष माबूद खान, जगदीश पासी, सुधाकर तिवारी, राघवेद्र सिंह, सजीव दुबे, विजय गौतम, मसूद आलम, परवेज हासमी, अबरार अहमद आदि थे।