लंबई बढ़ने के उपय

वहीं राम जीवन दास 'बावला' ने भी अपने गीतों के जरिए लोगों के बीच पर्यावरण को लेकर अलख जगया है. वह गीत तो जल और जंगल बचाने के लिए लिखते थे लेकिन शब्द इतने गहरे होते थे कि बात पूरी सृष्टि की हो जाती थी. राम जीवन दास बावला न सिर्फ अपने गीतों के जरिए लोगों को जागरुक करते थे बल्कि लोगों से सवाल भी पूछते थे.