कसन सम्मन यजन

इसलिए ग्लोबल पैनडेमिक को देखते हुए लोगों को इसका लाभ लेना चाहिए। बच्चों को टीका लगवाना चाहिए। हालांकि शुरुआती दौर में थोड़ी बहुत परेशानी होगी क्योंकि बच्चों को लेकर लोग रिस्क नहीं लेना चाहते। ऐसे में लोगों में जागरूकता फैलानी होगी। रांची के चिकित्सक डा. रविकांत चतुर्वेदी का कहना है कि जब कोविड-19 पीक पर था तब उस समय सारे लोग डरे हुए थे। जब वैक्सीन आई तब लोगों को थोड़ी राहत मिली। लेकिन बच्चों को लेकर डर बना हुआ था। जब से वैक्सीन लगने की प्रक्रिया शुरू हुई उसके कुछ समय बाद से ही इसकी स्वीकार्यता बढ़ी है। हां शुरुआती दौर में थोड़ी बहुत परेशानी रही, लेकिन बाद में गांव-गांव, शहर शहर कोविड-19 को लेकर वैक्सीन के प्रति आशंका खत्म हुई है।