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तीन दिन पहले लगा कि मौतों की सिलसिला थम गया है। लेकिन, अचानक जवां थाना क्षेत्र में भट्ठा मजदूरों के मरने की खबर ने फिर से सबके होश उड़ा दिए। ये मजदूर बेहद गरीब हैं। तपती झुग्गी-झोंपड़ी में रहकर बच्चों का पालन-पोषण करते हैं। इनके सिर से मुखिया का साया उठ जाने का दर्द महसूस नहीं किया जा सकता। यूं तो मजदूर आएदिन शराब पीते थे। लेकिन, इस बार शराब के साथ अज्ञानता ने इनकी जान ले ली। जिले में मौतों के हाहाकार के बीच इन्हें नहर में पड़ी शराब मिली तो उठा लाए। सबको पता था कि शराब पड़ी हुई मिली है। फिर भी इसका सेवन कर लिया और एक ही दिन में सात जिंदगियां चली गईं। क्या गली-गली में जागरूकता का दावा करने वाली पुलिस की पहुंच यहां तक नहीं हो सकी थी? इसमें लोगों को भी जिम्मेदारी उठानी होगी कि आसपास ऐसा होते देखें तो फौरन रोकें।