वैभव यदव

पीठ ने दो राजनीतिक पार्टियों- कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी (तेदपा)- से भी उनका रुख पूछा है क्योंकि याचिका में कहा गया है कि तेदपा और कांग्रेस ने वर्ष 2019 के आम चुनाव में समाज के कुछ वर्गों को नकद देने की पेशकश की थी. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने न्यूनतम आय योजना की घोषणा की थी जिसके तहत अर्हता रखने वाले परिवार को सालाना 72 हजार रुपये देने की पेशकश की गई थी. अदालत दो अधिवक्ताओं- पराशर नारायण शर्मा और कैप्टन गुरविंदर सिंह- की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनके वकीलों ने अनुरोध किया है कि चुनाव घोषणा पत्र में बिना किसी काम के नकद देने की पेशकश को गैर कानूनी घोषित किया जाए.