ततर बले तर तर क्य देखकर छर पड़-पड़ रसय

यदि 10 फरवरी से शुरू होने वाले चुनाव के नतीजे सत्तारूढ दल के लिए महत्व रखते हैं तो इनके परिणाम विपक्षी खेमे के लिए भी उतना ही राजनीतिक महत्व रखते हैं, क्योंकि आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने आक्रामक चुनावी अभियान छेड़ दिया है, जिनके निशाने पर भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी है. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को चुनौती देने वाले किसी भी संयुक्त विपक्ष का स्वाभाविक नेतृत्वकर्ता होने के कांग्रेस के दावे को भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय क्षत्रपों की परीक्षा से गुजरना होगा. इन चुनावों के परिणाम विपक्ष की राजनीति में नये समीकरणों को जन्म दे सकते हैं.