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रंका प्रखंड के चुटिया पंचायत के ज्यादातर गांव की कमोबेश यही स्थिति है. शौचालय निर्माण की बात जाए तो कहीं इसका ढांचा खड़ा किया गया है तो कहीं सिर्फ कागजों पर ही शौचालय का निर्माण हो गया है, जबकि टॉयलेट का कहीं नामोनिशान तक नहीं है. मामले को लेकर ग्रामीण बेनी प्रसाद गुप्ता, छठु विश्वकर्मा, सावित्री देवी, सुनेश्वर सिंह, रामचंद्र राम, रामानंद विश्वकर्मा आदि बताते हैं कि शौचालय निर्माण का पैसा उन्हें सुनने को तो जरूर मिला, लेकिन शौचालय बने बिना ही पैसो की निकासी हो गई. इसके कारण वे आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. हद तो यह है कि मृतकों के नाम पर शौचालय बनाने के लिए भी बिचौलियों ने पैसे निकाल लिए.