वाराणसी,जागरणसंवाददाता। मौसमकीमारसेकिसानोंकीफसलोंकेनुकसानकीभरपाईकेलिएकिसानसरकारीमुआवजेकेभरोसेहैं।बीमाकंपनियोंकीजटिलशर्तोंऔरपर्याप्तजानकारीकेअभावमेंकिसानइससेअबइससेपीछेहटरहेहैं।पिछलेतीनसालमेंफसलबीमाकरानेवालेकिसानोंकीसंख्या32हजारसेघटकरकेवल10हजाररहगईहै।जिलेमेंकिसानोंकीसंख्याचारलाखसेअधिकहै। दरअसलफसलबीमाकोलेकरकिसानोंकेसामनेमाथापच्चीऔरकागजीकार्रवाईकीजटिलताकोदेखतेहुएकिसानोंमेंशुरूमेंतोउत्साहरहालेकिनसमयकेसाथकिसानअबफसलबीमासेतौबाकरनेलगेहैं।
बीतेवर्षकिसानमौसमकीमारसेपरेशानहुएथे।बाढ़औरलगातारबारिशसेधानकीफसलकोभारीनुकसानहुआथा।नयासालशुरूहोतेहीआठऔरनौजनवरीकोलगातारबारिशसेगेहूंऔरआलूकीफसलकोनुकसानहुआहै।सरकारनेप्राकृतिकआपदामेंकिसानोंकेनुकसानकेलिएफसलबीमायोजनाशुरूकियाहै।रबीकीफसलमेंसरसों,आलूऔरगेहूंकीफसलकाबीमाहोताहै।खरीफमेंधान,बाजराऔरउड़दकीफसलकाबीमाकियाजाताहै।बीमाकंपनियोंद्वारामुआवजेकेलिएलगाईजानेवालीजटिलशर्तपूरीजानकारीकाअभावऔरप्रचार-प्रसारकीकमीकेकारणकिसानफसलबीमाकरानेसेपीछेहटरहेहैं।
पहलेबैंकोंद्वाराकिसानकेकृषिलोनखातेसेखुदहीबीमाराशिकाटलीजातीथी।अबकिसानोंकेविरोधकेकारणवर्ष2019-20मेंफसलबीमाकोस्वैच्छिककरदियागयाहै।किसानोंनेबीमानहींकरायाऔरबीमितकिसानोंकीसंख्यातीनसालमें32हजारसेघटकर10हजारपहुंचगई।2018-19मेंजिलेमें32हजार935किसानोंनेरबीऔरखरीफफसलकाबीमाकरायाथा।लेकिन2021मेंयहसंख्या10,152है।