वाराणसी,जेएनएन।रंगोंकेपर्वहोलीकीपूर्वसंध्यापरहोलिकोत्सवरविवारकोधूमधामसेमनायागया।जयकारेकेसाथशहरचौराहोंवग्रामीणइलाकेकेखुलेमैदानोंमेंहोलिकाजलाईगई।युवाओंवबच्चोंकीटोलीनेढोल-नगाड़ेकीथापपरफगुआगीतगातेहुएहोलिकाकेलिएदिनभरचंदाएकत्रकिया।देवाधिदेवमहादेवकीनगरीकाशीरंगपर्वहोलीसेएकदिनपूर्वचटखरंगोंसेभीगीनजरआई।दोपहरसेहीउत्साहऔरउमंगगलियों-सड़कोंसेलेकरघरोंतकछाया।जात-पात,धर्म-आयकीसीमाओंसेपरेलोगहोलीकेहुल्लड़मेंएकरंगनजरआए।होलिकासजाईऔरकुछस्थानोंपरइसमेंकोरोनाकापुतलास्थापितकिया।उसेधधकतीआगमेंझोंककरदुश्वारियोंसेमुक्तिकीकामनाकी।
पुरानेगिले-शिकवेकोहोलिकाकीआगमेंझोंकाऔरएक-दूसरेकोगलेलगाया।हालांकिकोरोनाकाहवालादेतेहुएइसपरकुछलोगोंनेटोकाऔरसंक्रमणसेबचावकेलिएशारीरिकदूरीमहत्वपूर्णहोनेकाध्यानदिलाया।दिनभरहोलिकाकोदियाविस्तार,शामकोदहनवसंतपंचमीकेदिनसेहीलोगटोले-मोहल्लेकेनुक्कड़ोंपरगाड़ीगईरेड़कोरविवारकोउपलेसेविस्तारदिया।कुछजगहोंपरहोलिकाऔरप्रह्लादकीप्रतिमाएंलगाईगईंथींतोकुछजगहोंपरकोरोनावायरसकापुतलालगायाथा।गोधूलिबेलाहोतेहीटोलेमोहल्लेकेलोगोंकीहोलिकाकेइर्द-गिर्दजुटानशुरुहोगई।लोगएक-दूसरेकोरंगऔरअबीरलगाकरएकदूसरेकोहोलीकीबधाईदिए।इसकेबादपुरोहितोंनेगंगाजलसेहोलिकाकीचौहद्दीकोपवित्रकिया।उसकेबादशामसातसेलेकरमध्यरात्रिके12:39मिनटतकहोलिकादहनकियागया।
हालांकिरविवारहोनेकेकारणकुछस्थानोंपररात12बजेकेबादहोलिकाजलाईगई।कोरोनासेमुक्तिकीलालसामेंलोगोंनेकीपरिक्रमामालिससेउतरीखरीउबटनसहितगुझियाऔरअबीर-गुलालसेपूजन-अर्चनकरनेकेलिएझुंडकेझुंडमहिला-पुरुष,बच्चे-बूढ़ेऔरयुवासभीइकट्ठाथे।पुरोहितनेजैसेहीमंत्रपढ़ाऔरपूजाशुरूकी।शुभमुहूर्तमेंहोलिकामेंआगलगाईतोहरओरहोलीहै...काशोररातकेसन्नाटेकोचीरतारहा।कोरोनामहामारीसेजीवनकीमंगलकामनासंगसुख-समृद्धिकीप्राप्तितथारोग-शोकसेमुक्तिकीलालसलिएलोगोंनेधूं-धूंकरहोलिकाकोजलातीअग्निकीलपटोंकोनमनकरतेहुएपरिक्रमाकिया।परिक्रमाकेसाथउबटनकोइसमेंहोमकरदिया।होलिकाकीराखकोबहुतेरेअपनेआंचलऔरकपड़ोंमेंगठियाकरघरभीलेगए।इसकेसाथहीअबीर-गुलालसंगरंगउड़नेकासिलसिलाशुरूहोगया।ढोल-नगाड़ाबजातेहुएहोलीकीटोलियांत्योहारकेहुलासकीमुनादीकरनेलगे।गीत-गवनईपररातभरझूमेयुवाहोलीकीरंगतपूरीरातछाईरही।बुराईपरअच्छाईकीविजयकेप्रतीकपर्वपरलोगोंकाउमंगऔरउत्साहदेखतेहीबनरहाथा।कईजगहकालोनियोंमेंलोगडीजेलगाकरहोलीऔरफिल्मीगानोंकेधुनोंपरथिरकतेरहे।
किवदंतीहैकिहोलिकाप्रह्लादकोजलानेकेलिएप्रयासरतथी।जिसकेचलतेहोलिकाखुदअपनेबनाएचक्रव्यूहमेंफंसगईऔरवहखुदहीआगसेजलगई।यहगलतकर्मोंपरजीतकोदर्शाताहै।कृषिप्रधानदेशमेंइसदिननववर्षकीशुरुआतहोतीहै।किसानइसदिनगेहूंकेबाल,उबटनकोपेड़ोंवलकडिय़ोंकेबीचजलातेहैं।इसीक्रममेंजगह-जगहरेड़कापेड़गाड़करहोलिकाकारूपदियागया।अबीर,गुलाल,रोली,रक्षा,बताशा,अगरबत्ती,धूपबत्ती,माला,फूलआदिसेहोलिकाकेसमक्षपूजन-अर्चनकेबादमुहूर्तकेअनुसारहोलिकामेंआगलगाईगई।साथहीजोगीराकादौरशुरूहोगयाजोदेरराततकचलतारहा।
मान्यताहैकिहोलीकेएकदिनपहलेहोलिकोत्सवमनाईजातीहैजोअनादिकालकीपरंपराहै।इसमौकेपरजहांलोगहोलिकाकेचारोंओरचक्करलगातेहुएजोगीराकरतेहैं,वहींध्वनिविस्तारकयंत्रकेमाध्यमसेबजनेवालीफागुनीगीतोंपरनृत्यआदिकामाहौलहोताहै।होलिकामेंआगलगनेकेबादसेहीरंगखेलनेकादौरशुरूहोजाताहैजिसकासबसेज्यादाआनंदछोटेबच्चेएवंयुवालेतेहैं।नगरकेविभिन्नजगहोंपरहोलिकोत्सवकेसाथहोलीकीशुरूआतकीगई।होलिकासजानेकेलिएयुवावबच्चेएकसप्ताहसेझाड़-फूसवलकड़ीएकत्रकरनेमेंजुटेथे।सुबहसेहीयुवाओंनेटोलीबनाकरघर-घरजाकरचंदावसूला।देरराततकजयकारेकेसाथफागगीतगाते,कबीराबोलतेलोगोंनेहोलिकाजलाई।