जागरणसंवाददाता,बलिया:सर्दरातमेंबेसहारापशुओंसेफसलबचानाकिसानोंकेसमक्षसबसेबड़ीचुनौतीहै।जनपदमेंपशुआश्रयकेंद्रभलेहीखोलेगएहैंलेकिनउससेकिसानोंकोराहतमिलतीनहींदिखरहीहै।किसानोंकीफसलपरआक्रमणसबसेज्यादानीलगायऔरजंगलीसूकरकररहेहैं।
कड़ाकेकीठंडमेंभीउन्हेंअपनीफसलोंकीरखवालीकरनेकेलिएखेतोंमेंरातगुजारनीपड़रहीहै।यदिएकरातभीकिसानअपनीफसलोंकीरखवालीनकरेंतोउनकाखेतएकहीदिनमेंचौपटहोजाएगा।वर्तमानसमयमेंगेंहूं,चना,सरसों,छेमी,सब्जीआदिफसललहलहातेनजरआरहेहैं,लेकिनयहतभीतकसुरक्षितहैंजबतककिसानखेतोंकीरखवालीकररहेहैं।किसानोंकेपलकझपकतेहीमवेशीइनफसलोंकोनष्टकरदेतेहैं।कमहोनेकेबजायबढ़तीजारहीबेसहारापशुओंकीसमस्या
-बेसहारापशुओंकीसमस्याऐसीहैकिइसपरकिसीकाकोईनियंत्रणनहींहै।घरकेआसपासहमसब्जीआदिकीखेतीभीनहींकरापाते।हमअपनीजमीनयदिकिसीकोलगानपरदेतेहैंतोवहकिसानभीछुट्टापशुओंकेचलतेकर्जमेंडूबजाताहै।नीलगाय,जगलीसुकर,गाय,सांड़सभीतरहकेपशुफसलोंकेपीछेपड़ेरहतेहैं।
-सुभाषतिवारी।-बेसहारापशुओंसेफसलोंकोबचानेकेलिएरातदिनरातनिगरानीकरनीपड़तीहै।कुछलोगऐसेहैंजोअपनेपशुओंकोरातमेंखोलदेतेहैं।ऐसेमेंउनकेपशुखेतोंमेंजाकरकिसानोंकीफसलखाजातेहैं।गरीबकिसानकासबकुछएकहीरातमेंस्वाहाहोजाताहै,लेकिनवहसबकुछजानकरभीअपनीफसलकीक्षतिपरकुछभीनहींबोलपाता।
-रामेश्वरतुरहा।-बेसहारापशुओंसेखेतीकोकाफीनुकसानपहुंचरहाहै।काफीनिगरानीकेबादभीजरासामौकामिलतेहीइनकेद्वाराफसलकोनुकसानपहुंचादियाजारहाहै।यदिसरकारइसबारेमेंनहीसोंचेगीतोकिसानऐसेहीपरेशानहोतेरहेंगे।
-अवधेशराजभर।-दिनमेंतोकिसीतरहरखवालीकरलीजातीहैलेकिनरातकोखेतोंमेंसोनेपरभीयेबेसहारापशुघातलगाकरफसलचरजातेहैं।नींदखुलनेपरसामनेबर्बादफसलहोतीहैऔरमनदुखितहोउठताहै।