नईदिल्लीस्वाइनफ्लूसेइससालदेशमेंअबतक410लोगोंकीमौतहोचुकीहै।इसकेसाथहीकरीब5200लोगइसकीचपेटमेंआएहैं।सिर्फफरवरीमहीनेमेंअबतकस्वाइनफ्लूसे216लोगोंकीमौतहोचुकीहै।इसबीमारीकासबसेज्यादाअसरगुजरात,राजस्थान,दिल्ली,महाराष्ट्र,कर्नाटक,मध्यप्रदेश,तमिलनाडुऔरतेलंगानामेंदेखाजारहाहै।अकेलेराजस्थानमेंहीइसरोगकेकारण109लोगोंकीमौतहोचुकीहै।हालातकीसमीक्षाकेलिएबुधवारकोकेंद्रीयस्वास्थ्यमंत्रालयमेंएकबैठकभीहुई।नएस्वास्थ्यसचिवबीपीशर्मानेअधिकारियोंसेकहाकिदेशमेंकहींभीटैमीफ्लूऔरडायग्नोस्टिककिट्सकीकमीनहोनेदीजाए।मीटिंगमेंकहागयाकिस्वाइनफ्लूकेमामलोंसेनिपटरहेस्टाफकोइससेबचानेकेलिएटीकालगानेपरविचारकियाजाए।गौरतलबहैकिहालकेदिनोंमेंकईडॉक्टरऔरस्टाफमेंबरभीस्वाइनफ्लूकीचपेटमेंआचुकेहैं।मिनिस्ट्रीकाकहनाहैकिवहस्वाइनफ्लूसेनिपटनेकेलिएराज्योंकोहरसंभवमदददेनेकोतैयारहै।डॉक्टरोंकाकहनाहैकिइसबारठंडज्यादापड़नेसेएच1एन1वायरसकोतेजीसेपनपनेकामौकामिला।देशकेतटीयइलाकोंमेंतापमानमेंकमीकेसाथहीनमीनेभीइसेफैलनेमेंमददकी।उनकाकहनाहैकितापमानबढ़नेसेइसकेप्रसारमेंकमीआएगी।स्वाइनफ्लूकेकारण2009मेंदेशमें981लोगोंकीमौतहुईथी।2010मेंइसरोगनेबहुतजोरपकड़ाऔर1763लोगोंकीमौतहुई।तबइसकेकारणसबसेज्यादामौतेंमहाराष्ट्रमेंहुईथीं।तटीयइलाकोंमेंइसनेखासाकहरबरपायाथा।साल2011मेंइसकाअसरकमहुआऔरतब75लोगइसकाशिकारबने।2012मेंइसकेकारण405तो2013में692लोगोंकीजानगई।
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