नईदिल्लीकेंद्रसरकारपूर्वोत्तर(NorthEast)क्षेत्रमेंखेतोंकोइनोवेटिवकृषितकनीकोंसेजोड़नेकीदिशामें‘बायोटेक-किसानकार्यक्रम’केतहतकामकरेगी।ऐसाइसलिएताकिछोटेऔरसीमांतकिसानोंखासतौरपरमहिलाओंकोलाभपहुंचायाजासके।यहबातविज्ञानएवंतकनीकमंत्रालयनेकहीहै।मंत्रालयनेबतायाकिजैवतकनीकविभागनेअपनेकार्यक्रमकेतहतपूर्वोत्तरक्षेत्रकेलिएएकविशेषपहलकीशुरुआतकीहैताकिस्थानीयकिसानोंकेमुद्दोंकोसमझाजासकेऔरउनकीसमस्याओंकावैज्ञानिकसमाधाननिकले।मंत्रालयनेबतायाकिमौजूदापहलखासतौरपरपूर्वोत्तरक्षेत्रपरकेंद्रितहैक्योंकिइसक्षेत्रकीबड़ीआबादीपहलेसेहीकृषिपरनिर्भरहै।यहांकुलश्रमबलका70फीसदीआजीविकाकेलिएकृषिक्षेत्रयाउससेजुड़ेक्षेत्रमेंकामकरताहै।आयबढ़ानेकीसंभावनाओंपरकरनाहैकाफीकाममंत्रालयनेकहाकिपूर्वोत्तरमेंकृषिक्षेत्रसेजुड़ेलोगोंकीआयकोबढ़ानेकीसंभावनाओंपरकाफीकामकियाजानाहै।इसक्षेत्रमेंस्थानआधारितविशेषफसलकोबढ़ावादेकर,बागवानीऔरपेड़ोंसेआय,मत्स्यएवंमवेशीउत्पादनसंबंधीक्षेत्रोंकोबढ़ावादेनाशामिलहै।बायोटेक-कृषिइनोवेशनसाइंसएप्लीकेशननेटवर्क(बायोटेक-किसान)कोपूर्वोत्तरमेंइसलक्ष्यकेसाथलागूकियाजाएगाकिखेतोंकोनई-नईतकनीकसेजोड़ाजाएऔरइससेलघुऔरसीमांतकिसानोंखासतौरपरमहिलाओंकोलाभमिले।यहभीपढ़ें:अभीबंदनहींहोंगीये36स्पेशलट्रेनें,जानेंकिसरूटपरकबतककरसकेंगेयात्रा
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