बेतिया।जीवनमेंअगरसफलतापानीहै,तोलाइफमैनेजमेंटकरनाबेहदजरूरीहोताहै।प्रेमऔरकरूणाकोअपनेजीवनमेंउतारानाहोगा।तभीजीवनमेंएकसफलइंसानबनसकतेहैं।जीवनमेंकुछपानेकेलिएस्पष्टलक्ष्यहोनाअनिवार्यहै।लक्ष्यकोपानेकेलिए²ढ़निष्ठा,लगनवईमानदारीजरूरीहै।उक्तबातेंडीडीसीरविद्रनाथप्रसादसिंहनेकही।वेबुधवारकोशहरकेरामलखनसिंहयादवकॉलेजकेआइक्यूएसीभवनमेंआयोजितलाइफमैनेजमेंटएवंज्ञानदीक्षासमारोहकोसंबोधितकररहेथे।उन्होंनेकहाकिछात्रअगरअपनेजीवनमेंअनुशासनऔरईमानदारीकोअपनाले,तोउसेसफलहोनेसेकोईनहींरोकसकताहै।क्योंकिईमानदारव्यक्तिअपनेलक्ष्यकोपानेकेलिएदृढ़इच्छारखताहै।वहींएसडीएमविद्यानाथपासवाननेकहाकिसफलताकामूलमंत्रईमानदारीसेमेहनतकरनाहै।छात्रोंकोईमानदारीवसच्चीलगनवएकाग्रतासेपढ़ाईकरनीचाहिए,ताकिवेभविष्यमेंसफलताकीसीढ़ीपरजरूरचढ़सके।मुख्यवक्ताकेतौरपरहरिद्वारकेशांतिकुंजविश्वविद्यालयसेआएप्राध्यापकडॉ.अशोकढ़ोकलेनेकहाकिहमेंअपनेजीवनमेंनालंदाविश्वविद्यालयकेवीसीडॉ.विजयभटकर,लेखकडॉ.राहीमासूमरजाऔरस्वामीविवेकानंदकेबताएहुएकदमोंपरचलनाचाहिए।इनसभीनेविश्वविद्यालयकोमांकीसंज्ञादीथी।उन्होंनेकहाकिविज्ञानसंवेदनाऔरप्रेमकावातावरणनहींबनासकताहै।छात्रोंकोआजकेदौरमेंस्वस्थरहनाजरूरीहै।इसकेलिएउन्हेंपर्यावरणऔरप्रकृतिकेसाथचलनाचहिए।वहींप्राचार्यराजेश्वरप्रसादयादवनेभीछात्रोंकेलाइफमैनेजमेंटकेलाभकोबताया।धन्यवादज्ञापनप्रो.एमएसदेवराजीनेदिया।कार्यक्रमकीशुरुआतमुख्यअतिथियोंकेद्वारादीपप्रज्जवलितकरकियागया।
मौकेपरप्रो.बालेश्वरतिवारी,प्रो.आरएनयादव,प्रो.एमएसदेवराजी,डा.अभयकुमार,डा.घनश्यामत्रिपाठी,डा.विनोदकुमार,अजयपासवान,प्रो.राजकिशोरराय,प्रो.धनंजयपांडेय,प्रधानसहायकमदनयादव,गगनदेवयादव,रणविजययादव,कमलेशकुमार,बब्लूकुमार,अमलेशकुमार,प्रदीपकुमार,ध्रुपदेवयादव,फूलेनायादवआदिमौजूदरहे।