संवादसहयोगी,छिबरामऊ:समाजकेलिएकोईभीव्यक्तिअकेलेकुछनहींकरसकताहै।इसकेलिएसभीकोएकजुटहोकरआगेबढ़नाहोगा।
शनिवारकोयहबातपत्रकारोंकेबीचइग्लैंडसेआएधम्माचारीलोकमित्रनेबुद्धबिहारबढ़ैपुरमेंकही।बतायाकिवह40वर्षपहलेभारतआएथे।इसकेबादसेयहांपररहतेहैं।भारतकीसंस्कृतिवसाहित्यनेबेहदप्रभावितकियाहै।वहबौद्धधर्मकाअनुशरणकरलगातारलोगोंकोजागरूककररहेहैं।समाजमेंबदलावकेलिएलोगोंकाएकजुटहोनाजरूरीहै।इससेसमाजमेंबेहतरपरिवर्तनदिखाईदेगा।बोधिसत्वप्राप्तकरनेवालाव्यक्तिस्वयंनहींपूरेसंसारकेलिएसोचताहै।वहधम्मकाआचरणकरताहै।ऐसेलोगदूसरोंकीमददकोहमेशातत्पररहतेहैं।इसकेलिएपूरेदेशमेंजगह-जगहशिविरलगाकरलोगोंकोबोधिसत्वकेबारेमेंबतायाजारहाहै।नागपुरमेंइसकाप्रशिक्षणकेंद्रभीहै।जहांध्यान,साधना,बुद्धधर्मकीमूलभूतशिक्षादीजातीहै।आठमाहकाप्रशिक्षणकरनेकेबादव्यक्तिपूरीतरहसेधम्मकाअनुयायीहोजाताहै।उनकीबातोंका¨हदीअनुवादधम्माचारीविवेकरत्ननेकिया।