कैमूर।मकरसंक्रांतिकोलेसोमवारकोदूसरेदिनभीबाजारगुलजाररहा।मेलेमेंभीखूबचहल-पहलरही।मोहनियांथानाक्षेत्रकेमुठानीगांवकेसमीपटेढ़वावदादरकेशहीदकामरेडकेशवमेलेमेंलोगोंकीभारीभीड़रही।हरउम्रकेलोगमेलेमेंघूमतेनजरआए।बच्चोंमेंमेलेकोलेकरकाफीउत्साहरहा।मोहनियांनगरमेंभीमकरसंक्रांतिकोलेमेलालगाथाजहांलोगसामानोंकीखरीददारीकररहेथे।खिलौनेकीदुकानोंपरबच्चोंकीभीड़रही।दादरमेलामेंझूलाऔरचरखीआकर्षणकाकेंद्ररहा।जहांयुवाओंकीभीड़थी।ज्ञातकीमोहनियांथानाक्षेत्रकेटेढ़वा,दादरवभरखरमेंमकरसंक्रांतिकेमौकेपरमेलालगताहै।टेढ़वामेलेकाइतिहासदोसालसेअधिकपुरानाहै।जबकिदादरमेंगत30वर्षोंसेमेलालगताहै।मेलेकोलेकरलोगोंमेंकाफीउत्साहरहताहै।जीटीरोडसेसटेहोनेकेबावजूदटेढ़वामेलेमेंआजतककिसीतरहकाकोईविवादनहींहुआनहींकोईसड़कहादसा।इसमेलेमेंमोहनियांप्रखंडकेकरीब60सेअधिकगांवोंकेलोगआतेहैं।भारीभीड़सेमेलागुलजाररहताहै।वैसेतोजगहकीकमीवमहंगाईकाअसरमेलेपरभारीपड़रहाहै।भारीभीड़केबावजूदप्रशासनिकमहकमामेलेमेंसुरक्षाकोलेकरउदासीनहै।बुजुर्गोंकेअनुसारइसमेलेमेंपत्थरवलोहेकेऔजारभीभीबिकतेथे।इसकेअलावाघरेलूउपयोगकीहरचीजेंमेलेमेंलोगोंकोउपलब्धहोतीथी।जीटीरोडकेयहांटेढ़ाहोनेकेकारणइसमेलेकानामटेढ़वापड़ा।
क्याहैमेलेकाइतिहास-मेलादेखनेआएमुठानीनिवासी80वर्षीयकामेश्वर¨सह,मचियांवनिवासीप्रभातशंकरपांडेयवअमरपुरानिवासीमन्नूकुमारगुप्तानेबतायाकीइसकाइतिहासदोसौवर्षसेभीपुरानाहै।इसऐतिहासिकमेलेकेबगलमेंशिवमंदिरहै।जहांलोगआस्थाकेसाथदर्शनपूजनकरतेहै।बगलमेंअंग्रेजोकाबंगलाथा।जिसकावजूदअबसमाप्तहोचुकाहै।पहलेमेलाकेलिएकाफीजगहथी।अबधीरे-धीरेजगहकीकाफीकमीहोगईहै।जिसकेकारणमेलेमेंबाहरीव्यवसाइयोंकाआनाकमहोगयाहै।फिरभीलोगोंकाउत्साहबरकरारहै।वहींदादरकेशहीदकामरेडकेशवमेलाकेअध्यक्षराधेश्यामचौधरी,उपाध्यक्षरमानंद¨सहकुशवाहा,बुजुर्गसमाजसेवीगणेशदत्तशर्मावश्यामाकांततिवारीनेबतायाकियहां30वर्षोसेमेलालगरहाहै।पहलेमेलाएनएच30परशिवमंदिरकेसमीपलगताथा।अबरोडकेदक्षिणतरफकरीबआठएकड़जमीनमेंमकरसंक्रांतिकेमौकेपरदोदिवसीयमेलालगताहै।हरवर्ष15जनवरीकोमेलापरिसरमेंविराटदंगलकाआयोजनकियाजाताहै।जिसकीतैयारीपूर्णहै।मेलेमेंकरीब100सेअधिकगांवोंकेलोगशामिलहोतेहैं।धीरे-धीरेमेलाकोविकसितकियाजारहाहै।मनोरंजनकेसाथ-साथघरेलूउपयोगकीवस्तुओंकीदुकानेंभीलगतीहैं।इसकालोगआनंदउठातेहैं।
मकरसंक्रांतिपरमंदिरमेंहुआमानसपाठकाआयोजन
-कड़ाकेकीठंडकेबावजूदरामलीलामैदानमेंउमड़ीभीड़
कुदरा,कैमूर:कुदरामेंमकरसंक्रांतिकोलेकरसोमवारकोभीरामलीलामैदानमेंमेलालगा।वहींमेलापरिसरकेबगलमेंस्थितजगन्नाथमंदिरमेंदोदिवसीयरामचरितमानसपाठकासमापनहुआ।हरजगहहरसालकीतरहचहलपहलऔरलोगोंकीकाफीभीड़देखीगई।अनेकलोगोंनेघरमेंचूड़ादहीखानेकेबाददर्शनीयस्थानोंकीयात्राकरमकरसंक्रांतिकात्योहारमनाया।कुदराप्रखंडमुख्यालयकेकुदराबाजारकेरामलीलामैदानमेंलगनेवालेमेलेमेंइसबारभीचरखीवझूलेकीदुकानोंपरखासकरबच्चोंकीविशेषभीड़देखीगई।बच्चोंकेखिलौनेऔरसिल,लोढ़ा,लाठी,मूसलओखल,जांताआदिजैसीघरेलूउपयोगकीवस्तुओंकीदुकानोंपरभीलोगोंकीभीड़रही।हालांकिअनेकलोगोंनेमहसूसकियाकिहरसालबढ़तीहुईभीड़केआगेरामलीलामैदानकीजगहमेलेकेआयोजनकेलिएछोटीपड़तीजारहीहै।यहमेलासोमवारकोभीजारीरहेगा।मेलापरिसरकेबगलमेंदुर्गावतीनदीकेतटपरअवस्थितऐतिहासिकजगन्नाथमंदिरकेप्रांगणमेंमहंतबाबारामबालकदासजीकेनेतृत्वमेंदोदिवसीयमानसपाठकाआयोजनहुआ।महंतनेबतायाकिजगन्नाथमंदिरकेपूर्वमहंतबाबारामगोपालदासजीद्वाराकाफीसमयपहलेमेलाऔरमानसपाठकीपरंपराशुरूकीगईथीजोआजभीजारीहै।रामचरितमानसपाठमेंआस-पासकेगांवोंकेश्रद्धालुकाफीसंख्यामेंजुटकरभक्तिरसकीधारामेंविभोरहोतेदेखेजारहेहैं।