दिवालीकेत्योहारकासबकोइंतजाररहताहै।यहऐसात्योहारहै,जबलोगघरोंकोरोशनकरतेहैंऔरपटाखेभीफोड़तेहैं।कईतरहकेपटाखेबाजारमेंउपलब्धहोतेहैं।पटाखेकाफीमहंगेहोतेहैंऔरइन्हेंखरीदनेकेलिएजेबढीलीभीकरनीपड़तीहै।पटाखेचलानेसेवायुवध्वनिप्रदूषणहोताहै,जोपर्यावरणवमनुष्यकेलिएहानिकारकहै।इसलिएसभीलोगोंकोइसबारकुछनयाकरनाचाहिए।पटाखोंसेदूरीबनाएंगेतोपर्यावरणकोहोनेवालेनुकसानसेबचायाजासकताहै।प्रदूषणपर्यावरणमेंफैलेगातोइसकाअसरमनुष्यपरपड़ेगा।लोगोंसेअपीलहैकिवेइसबारपटाखेनफोड़ेंऔरईकोफ्रेंडलीदिवालीमनाएं।सभीलोगोंकोसंकल्पलेनाचाहिएकिदिवालीपरप्रदूषणनहींफैलाएंगे।दिवालीपरसावधानीकेसाथअपनीवदूसरोंकीसुरक्षाकेबारेमेंभीसोचनाचाहिए।खुशीकेइसत्योहारपरघरमेंमिट्टीसेबनेदीयेजलाएंऔरपरिवारकेसाथपूजा-अर्चनाकरें।रंगोलीबनानेकेलिएजैविकरंगोंकाप्रयोगकरें।युवापीढ़ीकोचाहिएकिवहपरिवारकेसाथदिवालीकोबेहतरढंगसेमनाए।पटाखोंपरखर्चकरनेवालेपैसेसेकिसीगरीबपरिवारकीमददकरसकतेहैंताकियहपरिवारभीखुशीसेदिवालीमनासके।मिट्टीसेबनेदीयोंकीखरीदारीकरें।ऐसाकरनेसेआपउनलोगोंकीमददकरसकतेहैं,जिनकीदिवालीआपकेद्वाराउनकीओरसेबनाएगएदीयोंकोखरीदनेसेमनेगी।
-डा.राजेशगुलेरी,मुख्यचिकित्साअधिकारीचंबा