सिद्धार्थनगर:गुरुवारकोखुनियांवविकासखंडकेऊंचडीहमेंग्रामस्तरीयजागरूकताअभियानमेंकिसानोंकोफसलअवशेषप्रबंधनकेबारेमेंजानकारीदीगई।विशेषज्ञोंकीओरसेबतायागयाकिफसलअवशेषजलानेसेपोषकतत्वोंकाजहांनुकसानहोताहै,वहींवायुमंडलभीदूषितहोताहै।
आचार्यनरेंद्रदेवकृषिएवंप्रौद्योगिकीविश्वविद्यालयकीओरसेआयोजितइसअभियानमेंकृषिविज्ञानकेंद्रसोहनाकेविशेषज्ञोंनेअपनी-अपनीबातेंरखीं।कार्यक्रमकेप्रभारीडा.प्रदीपकुमारनेचर्चामेंबतायाकिअवशेषजलानेसेपोषकतत्वोंकानुकसानहोनेकेसाथमानवस्वास्थ्यपरभीदुष्प्रभावपड़ताहै।पर्यावरणसंबंधितदुष्परिणामवअवशेषोंकोपशुचाराअथवाऔद्योगिकउपयोगकेलिएइकट्ठाकरनेकेबारेबताया।फसलअवशेषप्रबंधनजलानेसेमृदामेंहोनेवालीहानियोंकीभीजानकारीदी।
डा.एसएनसिंहनेकहाकिकिकिसीभी²ष्टिकोणसेफसलअवशेषोंकोजलानाउचितनहींहै।किसानोंकोफसलअवशेषप्रबन्धनकेविकल्पपरध्यानदेनेकीआवश्यकताहै।डा.मारकण्डेयसिंहनेचर्चामेंकहाकिसंरक्षणकृषिप्रणालीकाअंगीकरणवफसलविविधीकरणद्वाराअवशेषजलानेकीसमस्यासेनिजातमिलसकतीहैऔरपरालीकोखेतमेंसड़ादियाजाएतोउर्वरकोंकीमात्राकोकमकरकेगेहूंकेउत्पादनकोबेहतरकरसकतेहैं।प्रेमकुमारनेकहाकिफसलअवशेषोंकोमिट्टीमेंमिश्रितकरनेपरजोरदिया।मौजूदकिसानोंनेभविष्यमेंभीपरालीनजलानेकीदिशामेंसंकल्पलिया।प्रधानअखिलेशकुमारत्रिपाठी,लक्ष्मीकांतसुभाषपांडेय,उमेशतिवारी,हरीशचंद्रचौधरी,उस्मानअली,शिवरतनआदिउपस्थितरहे।