मनुष्यजीवनदुर्लभ,इसेव्यर्थनहींगंवाएं
संवादसहयोगी,जमुआ(गिरिडीह):जमुआकेकारोडीहमेंरुद्रमहायज्ञकेसमापनसत्रमेंशनिवाररातकथावाचकप्रदीपकौशिकनेकहाकिमनुष्यजीवनदुर्लभहै,इसेव्यर्थगंवानानहींचाहिए।सिर्फखानेपीनेऔरमौजमस्तीकेलिएहीयहजीवननहींहै।उन्होंनेश्रद्धालुओंसेकहाकिवेभोजन,भजन,भेषवभाषापरध्यानदेकरसेहत,शिक्षाऔरसत्कर्मकेक्षेत्रमेंआमूलचूलपरिवर्तनकरसकतेहैं।
कहाकिईश्वरकादियाहुआसबकुछहै।समुद्र,वायु,जल,अग्नि,आकाशसभीजड़हैं।इनसेबनाशरीरभीजड़हीहै।जड़मेंजड़तायाजड़त्वहोताहै।जड़कोजिसओरलेजाएंचलताहीरहेगा।उसेअच्छेबुरेकीपहचाननहींहोती।कथासेजीवनकीहरव्यथादूरहोतीहै।घरसेनिकलतेसमयईश्वरसेकहकरजाएंऔरलौटनेपरभीउनसेकहें।रात्रिमेंसोनेकेपूर्वउनकोधन्यवाददें,जिन्होंनेआपकोअबतकस्वस्थरखाहै।
जमुआविधायककेदारहाजरानेआभारव्यक्तकरतेहुएप्रतीकचिन्हऔरवस्त्रदेकरसम्मानितकिया।मौकेपरगिरिडीहकेपूर्वमेयरसुनीलपासवान,भाजपाप्रदेशकार्यसमितिसदस्यचुन्नूकांत,जिलाध्यक्षमहादेवदूबे,घनश्यामराम,उदयद्विवेदी,कृष्णकांतहाजरा,राजेशहाजरा,महेंद्रयादव,नितेशहाजरा,रंजीतयादव,अशोकसिंह,प्रयागयादव,रघुनाथयादव,शंभुसिंह,कृष्णातिवारीसहितकईलोगशामिलथे।मंचसंचालनसुधीरद्विवेदीनेकिया।सवितामिश्रानेभीश्रद्धालुओंकोसंबोधितकिया।जागरणमेंटिंकूछैलाकेभजनपरश्रद्धालुरातभरझूमे।