संवादसहयोगी,किन्नौर:कोरेानाकेकारणकिन्नौरमेंविकासकार्योपररोकलगगईथी।इससेसमाजकेकमजोरवर्गोकाभविष्यखतरेमेंथा।निराशाकेसमयमेंकेंद्रसरकारनेगतमाहमनरेगाकार्योंकोआरंभकरनेकेनिर्णयसेकईलोगोंकेजीवनमेंनईआशाप्रदानकीहै।लॉकडाउनकेदौरानआर्थिकसंकटकेकारणआजीविकागंवाचुकेतथाअनिश्चितताकेबीचझूलरहेलोगोंनेकेंद्रसरकारकेनिर्णयकीसराहनाकी।मनरेगाकेतहतकुल65मेंसे61पंचायतोंमेंविकासकार्यआवंटितकिएगएहैं,जहांकार्यपूरेजोरोंपरचलरहेहैंऔरलोगोंकोघरोंकेसमीपरोजगारप्रदानकियाजारहाहै।कुल785विकासकार्यप्रगतिपरहैं,जिनमेंकार्यकरनेवाले6931श्रमिकसमयपरमजदूरीकीराशिकेभुगतानकेलिएसरकारकेआभारीहैं।उंचाईवालेक्षेत्रोंमेंकार्योंकोपूराकरनेकेलिएपंचायतोंऔरमजदूरोंकाप्राथमिकताकेआधारपरआवंटितकियागयाहै।
कल्पाखंडकी25पंचायतोंमेंलगभग328विकासकार्यकिएजारहेहैंजबकिनिचारविकासखंडकी18पंचायतोंमें399कार्यऔरपूहविकासखंडकी20पंचायतोंमें58कार्यकिएजारहेहैं।भौगोलिकविशेषताओंकेकारणमनरेगाकेतहतजनजातीयक्षेत्रोंमेंमानदेय248रुपयेप्रतिदिनहैजबकिराज्यकेशेडभागोंमेंयहराशि198रुपयेप्रतिदिनहै।जिलाकिन्नौरग्रामीणविकासएजेंसीकीउप-निदेशकऔरपरियोजनाअधिकारीजयवंतीनेगीठाकुरनेबतायाकिवित्तीयवर्षमें678327कार्य-दिवसकालक्ष्यरखाहै।जिलेको7918.05लाखरुपयेआवंटितकिएगएहै।