संवाद,सहयोगी,कोडरमा:जिलामुख्यालयस्थितसदरअस्पतालमेंचिकित्साव्यवस्थाबदहालस्थितिमेंहै।यहांइलाजकरानेमेंलोगोंकोकाफीमशक्कतकरनीपड़तीहै।एकतरफजहांसरकारीअस्पतालोंकोबेहतरबनानेकेदावेकियेजारहेहै,वहींचिकित्सकवस्वास्थ्यकर्मियोंकीकमीकेकारणसदरअस्पतालकोडरमाकाहालबुराहै।सदरअस्पतालकेपुरानीबिल्डिगमेंस्थितपैथोलॉजीसेंटरतकनीकीस्टॉफकीकमीझेलरहाहै।अस्पतालस्थितपैथोलॉजीलैबइनदिनोंदिखावामात्रबनकररहगयाहै।पैथोलॉजीलैबमेंमात्रएकटेक्नीशियनकेरहनेकेकारणकाममेंबाधाआरहीहै।इसकारणयहांहोरहेजांचकीप्रमाणिकताभीसवालोंकेघेरेमेंहै।एक्सपर्टकीमानेंतोएकलैबटेक्नीशियन5-6घटेमें15-20ब्लडसैंपलकीहीजांचहीकरसकतेहैं।लेकिनसदरअस्पतालमेंस्थितपैथोलॉजीलैबमें50-60जांचप्रतिदिनआरहेहैं।यहांमलेरिया,टायफाइडसमेतरक्तसंबंधीसामान्यजांचहीहोतेहैं।लेकिनकर्मियोंकीकमीसेजांचकीप्रमाणिकतापरभीसवालउठायेजारहेहै।वहींसरकारीपैथोलॉजीलैबमेंबहुतऐसेजांचहैं,जोनहींहोपाताहै,उसेसदरअस्पतालस्थितएसआरएलप्राइवेटएजेंसीमेंकरवानापड़ताहै।जहांजांचकेलिएमरीजोंकोअच्छीरकमकाभुगतानकरनाहोताहै।इसव्यवस्थासेजाहिरहैकि100शैय्यावालेइससदरअस्पतालकीभव्यबिल्डिगदेखनेमेंतोसुंदरहै,परअस्पतालकेअंदरकेहालातअच्छेनहीं।इसबाबतलैबटेक्नीशियनचंद्रशेखरनेकहाकिस्टाफकीकमीकेबाबतडीएसवसिविलसर्जनकोअवगतकरायागयाहै।वहींवर्तमानसमयमेंसदरअस्पतालमेंयूंतो6ओपीडीसंचालितहै,औरकरीब200से250मरीजदेखेजानेकीबातकहीजातीहै।यहांमहिलाओंकेलिएकेवलएकओपीडीरहनेसेकाफीपरेशानीउठानीपड़रहीहै।
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