नईदिल्ली[प्रो.संजीवकुमार]।दिल्ली-एनसीआरकेगाजीपुर,सिंघु,टीकरी,ढांसाऔरसिरहौलबार्डरसहितकईरास्ते10माहसेप्रभावितहैं।इससेलाखोंलोगोंकोपरेशानीहोरहीहै।सबसेज्यादावेलोगप्रभावितहोरहेहैं,जोदैनिकआजीविकाकेलिएउत्तरप्रदेश,हरियाणाऔरराजधानीकेअन्यसीमावर्तीइलाकोंसेप्रतिदिनदिल्लीआते-जातेहैं।रास्ताखुलवानेकेलिएकईबारइनप्रदर्शनकारियोंसेस्थानीयलोगोंकीझड़पहोचुकीहै।प्रदर्शनकारियोंकोयहसमझनाहोगाकिसड़कबंदकरनासमस्याकेसमाधानकातरीकानहींहै।समाधानकेलिएसरकारऔरप्रदर्शनकारीदोनोंकोलचीलारुखअपनानाहोगा।प्रदर्शनकारियोंकेलिएएकनयाकानूनहोनाचाहिए,जिससेसड़कोंकोबाधितकरनेऔरऐसाकोईभीकार्यकरनेपरप्रतिबंधहो।इससेलोगोंकोअसुविधानहींहोगी।
समाधानकेलिएबातचीतजरूरी
सरकारबार-बारबातचीतपरजोरदेरहीहै।सरकारकीओरसेकृषिमंत्रीनरेंद्रसिंहतोमरप्रदर्शनकारियोंसेकईदौरकीबातचीतकरचुकेहैं।कृषिकानूनविरोधियोंकोजिदकारास्ताछोड़देनाचाहिए।अगरप्रदर्शनकरनाहीहैतोसड़ककोछोड़करकिसीमैदानमेंबैठकरकरनाचाहिएजिससेलोगोंकोआजीविकाचलानेकेलिएआने-जानेमेंसमस्यानहींहोगी।दूसरेदेशोंमेंप्रदर्शनकीअलगव्यवस्थाहै।अगरअमेरिकाकीबातकरेंतोवहांकभीसड़कोंकोबंदकरकेप्रदर्शननहींहोताहै।वहां,इसकेलिएस्थाननिर्धारितहैं।यहांभीप्रदर्शनकेलिएकानूनबनजाएतोप्रशासनकोभीइसकापालनकरानेकेलिएअधिकारमिलेगाऔरलोगोंकोकोईदिक्कतनहींहोगी।हमारेसंविधानमेंप्रदर्शनकाअधिकारदियागयाहै।लेकिन,उसमेंयहनहींदियागयाहैकिआपप्रदर्शनमेंसड़कबंदकरदीजिए।इसकानूनमेंइसतरहकेप्रविधानजोड़नेकीजरूरतहै,जिसमेंप्रदर्शनकेदौरानसड़ककोजामकरनापूर्णत:वर्जितहो।साथहीऐसाकरनेवालोंपरकड़ीकार्रवाईकीजाए।प्रदर्शनकेअधिकारमेंस्थानभीतयहोनेचाहिए।जैसेदिल्लीमेंजंतर-मंतरपरअधिकतरप्रदर्शनहोतेहैं।अन्नाहजारेकाइतनाबड़ाआंदोलनरामलीलामैदानमेंहुआ।एकनिश्चितस्थानपरहोनेकेकारणकिसीकोकोईअसुविधानहींहुई।
कुछसमस्याइसप्रदर्शनकेराजनीतिकरणकेकारणभीहुईहै।कृषिकानूनविरोधीप्रदर्शनकीवजहसेआर्थिकरूपसेभीलोगोंकोनुकसानहोरहाहै।इसेऐसेसमझसकतेहैंकिराजस्थानकीतरफसेदिल्लीआनेवालीबसोंकोबार्डरबंदहोनेकेकारणकरीब60किलोमीटरकाचक्करलगाकरदिल्लीआनापड़ताहै।इससेडीजलऔरसमयदोनोंकीअधिकखपतहोरहीहै।इसकाबोझभीसरकारीखजानेपरपड़रहाहै।इसकीभरपाईकरनाआसाननहींहै।अमेरिकाऔरब्रिटेनसहितकईदेशोंमेंइसतरहकाकानूनहैकिप्रदर्शनसेहुएनुकसानकीभरपाईप्रदर्शनकारियोंसेहीकराईजातीहै।लेकिन,हमारेयहांऐसाकानूननहींहै।किसीभीप्रदर्शनमेंगुणवत्तापूर्णनेतृत्वहोनाचाहिए।प्रदर्शनमेंऐसानहींहै।इसलिएभीयहलोगोंकेलिएपरेशानीकासबबबनरहाहै।यहप्रदर्शनसहीदिशामेंहोतातोशायदइसकासमाधानभीनिकलगयाहोता।किसानोंकेपासवैसेभीअपनाकामछोड़करलंबेसमयतकप्रदर्शनमेंबैठनेकीफुरसतनहींहोतीहै।राजनीतिकरणकेकारणभीयहप्रदर्शनलंबाचलरहाहै।लेकिन,सबसेपहलेइससेहोरहीलोगोंकीपरेशानियोंपरध्यानदियाजानाचाहिए।
(लेखराजनीतिविज्ञानविभाग,डीयूके प्रोफेसरसेराहुलचौहानसेबातचीतपरआधारितहै)