जागरणसंवाददाता,कासगंज:किसानपारंपरिकखेतीकोअबघाटेकासौदामाननेलगेहैं।नकदीफसलोंकोआíथकसहायताकासारथीमानतेहैं।इसीकापरिणामहैकिजिलेमेंपारंपरिकफसलोंकाउत्पादनकमहोनेलगाहैऔरनकदीफसलोंकीओरकिसानोंकारुझानबढ़ाहै।बीतेवर्षकीसापेक्षइसवर्षनकदीफसलेंबड़ेरकबेमेंदेखीजासकतीहैं।करेलेकीफसलनेतोइसबारकिसानोंकीवांछेखिलादीहैं।यहनकदीफसलकिसानोंकीखालीझोलीभररहीहै।
कभीबाढ़तोकभीसूखेकीमारझेलते-झेलतेतंगआचुकाकिसानकामोहअबपारंपरिकखेतीसेकमहोताजारहाहै।उन्हेंअबपारंपरिकखेतीलाभकारीप्रतीतनहींहोतीहैं।किसानोंकेसामनेसमस्याहैकिपारंपरिकखेतीअच्छालाभनहींदेतीहैं।पैदावारकेसापेक्षलागतअधिकलगतीहैऔरप्रतिवर्षहीआíथकसमस्याबढ़जातीहै।इनसमस्याओंसेजूझतेकिसानअबनकदीफसलोंकीओरआकर्षितहोरहेहैंऔरउसकारुझानइसओरबढ़ताहीजारहाहै।नकदीफसलेंकमलागतमेंअच्छालाभदेतीहैं।केवलकिसानकोकड़ीमेहनतकरनीपड़तीहै।नकदीफसलोंमेंपरंपरागतफसलोंसेअधिकशारीरिकमेहनतलगतीहै।
बीतेवर्षकीसापेक्षइसवर्षकिसानोंनेनकदीफसलकोबढ़ावादियाहै।इसवर्षकिसानोंनेकरेलेकीफसलकीपैदावारबढ़ाईहै।बीतेवर्षजहां68हेक्टेयरभूमिमेंकरेलेकाउत्पादनहोरहाथा,इसवर्ष71सेअधिकहेक्टेयरक्षेत्रफलमेंकरेलेकीफसलकाउत्पादनकियाजारहाहै।कृषिविशेषज्ञराजकुमारकेमुताबिककरेलेकीफसलकिसानोंकोदोहरालाभपहुंचातीहै।करेलेकीफसलसेखेतोंकीउर्वराशक्तिबढ़तीहैऔरयहनकदीफसलबाजारोंमेंमहंगेदामोंमेंबिकतीहै।इनदिनोंकिसानोंकीखालीझोलीकरेलेकीफसलनेभरदीहै।किसानअच्छाउत्पादनदेखखुशनजरआरहेहैं।