संस,भरुआसुमेरपुर:क्षेत्रकेबिरखेरा,मौहरकाभ्रमणकरनेकेसाथकैथीगांवमेंकिसानोंकोसमसामयिकतकनीकीप्रशिक्षणदिया।
केंद्रकेकृषिवैज्ञानिकडा.एसपीसोनकरनेप्रशिक्षणकेदौरानकिसानोंसेआह्वानकियाकिअगरकिसानछोटे-छोटेकृषिगतकुटीरउद्योगअपनाकरसाथमेंखेतीकरेंतोनिश्चिततौरसेअपनीआर्थिकस्थितिकोसुदृढ़करसकतेहैं।उन्होंनेखेतीकेसाथबकरीपालन,मधुमक्खीपालन,मत्स्यपालनवमशरूमउत्पादनपरजोरदिया।उन्होंनेकिसानोंसेअनुरोधकियाकिकृषिविज्ञानकेंद्रकीसफलतमएवंनवीनतमतकनीकीसीखकरअपनेखेतोंमेंउतारदेंतभीजनपदकेकृषिउत्पादनमेंभरपूरइजाफाहोपाएगा।डा.चंचलसिंहनेकिसानभाइयोंकेक्षमताविकासकार्यक्रममेंचना,मटर,मंसूर,सरसों,गेहूंइत्यादिफसलोंकेपारिस्थितिकीतंत्रमेंसुरक्षितनाशीजीवप्रबंधनकीतकनीकीकेबारेमेंजानकारीदीगई।इसकेक्रममेंकिसानभाइयोंकोअन्त:वर्षीयखेती,मिश्रितखेती,फसलचक्र,बीजशोधन,ग्रीष्मकालीनगहरीजुताईकेसाथहीसाथनाशीजीवोकेप्राकृतिकशत्रुसंरक्षणकीव्यवहारिकविधियोंसेकिसानोंकोअवगतकरायागया।जिससेकिसानअपनीखेतीकीलागतकमरखतेहुएअधिकसेअधिकलाभअर्जितकरसकें।डॉसूर्यप्रतापसोमवंशीनेकहाकितापक्रमकमहोनेकीस्थितिमेंपशुओंकोसर्दीसेबचानेकेउपायकरनेहोंगे।पशुओंकोरातमेंखुलेमेंनबांधे।सर्दीमेंपशुओंकोउर्जाकीआवश्यकताअधिकहोतीहै।अत:भोजनमेंलवणमिश्रणदेनानभूलें।परजीवीनाशकदवाकाहरबारबदल-बदलकरदें।इससेपशुकेस्वास्थ्यमेंसुधारहोगाएवंदुग्धउत्पादनभीबढ़ेगा।यदिखुरपका-मुंहपका,फड़किया,भेड़-बकरियोंमेंमाता,गलाघोंटूठप्पारोगकेटीकेनहींलगवाएंहोतोइससमयलगवालेनेचाहिए।