गया।कृषिप्रधानदेशमेंकिसानोंकीहालतठीकनहींदिखरहीहै।कभीकृषिकोउद्योगकादर्जादेनेकीकवायदहोतीरही।सरकारआतीगईबदलतीगई।लेकिनउद्योगकादर्जाकृषिकोनहींमिलसका।जबकिसरकारेंकिसानोंकोसमृद्धशालीबनानेकेलिएनितनएउपायकरनेकीबातकरतीहै।इसकेतहतकृषिकोलैपटॉपसेजोड़नेकीभीयोजनाधरातलपरआकारली।लेकिनआजतककिसानोंकोउनकेफसलकाससमयउचितदामनहींदिलायाजासका।खरीफफसलकीकटनीशुरूहोतेहीधानकाभावगिरनाशुरूहोजाताहै।जबकियहऐसासीजनहैजिसमेंकिसानोंकीपूरीअर्थव्यवस्थाहीइसीधानकेउत्पादनपरटिकीहै।बाजारमेंधानकीलिवालीनहींहै।
आढ़तियाधानकोउतनेहीदामपरलेनेकोतैयारहोरहेहैं।जितनेमेंमार्केटमेंपशुओंकाचाराबिकरहाहै।यानीनाटीधाननौसौरुपयेप्रतिक्विटलवइतनेहीदरपरपुआलकीकुट्टीबिकरहीहै।कुट्टीलेनेपरनकददामदेनाहै।लेकिनधानदसदिनकेउधारीपरमिलेगा।ऐसेहालातोंसेकिसानजुझरहेहैं।रामगढ़मेंएकभीनतोपैक्सकभीधानकीखरीदारीशुरूकियाहैऔरनहीव्यापारमंडलकेद्वाराहीखरीदारीहोरहीहै।येलोगअभीअपनेहीसरकारपरबकायाकीबातकररहेहैं।शादीविवाहकामौसमशुरूहोगयाहै।किसानोंकीइसीआमदनीपरबेटीकाहांथभीपिलाकरनाहै।ऐसेमेंकैसेबेटीव्याहीजाएगीयहचिताकिसानोंकोसतानेलगीहै।ठंडकेमौसममेंगेहूंभीटूटकरधानकेसमर्थनमूल्यसेकाफीकम14सौ50रुपयेप्रतिक्विटलबिकरहाहै।नाटीकाचावलकीबातकौनकरेमोतीधानकाचावल18सौरुपयेप्रतिक्विटलकीलियाजारहाहै।उसमेंभीखर्चामें।जबकिधानकासमर्थनमूल्यही1868रुपयेसरकारद्वाराप्रतिक्विटलनिर्धारितहै।इससेभीकमपरचावलबिकरहाहै।जोएकसोचनीयविषयहै।किसानोंकीऐसीदुर्दशापिछलेवर्षभीनहींथी।भावआनेकेइंतजारमेंकिसानखलिहानमेंधानरखसुरक्षाकररहेहैं।इससंबंधमेंव्यापारमंडलकेचेयरमैनहरिद्वारसिंहनेकहाकिकोईलेटरअभीहमलोगोंकोधानखरीदकानहींमिलाहै।जबकिखुदकासीएमआरकालाखोंरुपयेसरकारपरबकायाहै।