कानपुरमेंसाल1984मेंहुएसिखदंगोंकीजाँचकररहीएसआईटीनेदसअगस्तकोदावाकियाकिएकघरकेदोबंदपड़ेकमरोंमेंउन्हें36सालपुरानीघटनाकेकईसाक्ष्यमिलेहैंजिनमेंमानवरक्तऔरशरीरकेकुछनमूनोंकेअलावाशवोंकोजलाएजानेकेसाक्ष्यभीशामिलहैं.
लेकिनउसीमकानमेंरहरहेमौजूदामकानमालिकनेइनसभीदावोंकोख़ारिजकरदियाहै.
मकानमालिककाकहनाहैकिउनकेपितानेसाल1990मेंयहमकानख़रीदाथाऔरतबसेउनकेघरमेंनतोकोईकमराबंदपड़ाहैऔरनहीदसअगस्तकोआईएसआईटीटीमनेऐसेकोईसाक्ष्ययहांसेजुटाएहैं.
एसआईटीनेजिनदोकमरोंकेबंदहोनेऔरवहांसेसाक्ष्यजुटानेकादावाकियाहै,बीबीसीकीटीमअगलेहीदिनजबवहांपहुँचीतोउनकमरोंमेंपुताईकाकामचलरहाथा.
हालांकिविशेषजाँचदलयानीएसआईटीअपनीबातपरक़ायमहै.
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एसआईटीकेपुलिसअधीक्षकबालेंदुभूषणनेबीबीसीकोबताया,"फ़ोरेंसिकटीमकोदीवारपरऔरफ़र्शपरमानवरक्तकेनमूनेमिलेहैंऔरइनकीपुष्टिभीहुईहै.जाँचकररहीटीमनेअपनीरिपोर्टमेंइसबातकाज़िक्रकियाहै.इससेपहलेभीजनवरीमेंएकमकानमेंऐसेहीसाक्ष्यमिलेथे.इनसबसेइसबातकीपुष्टिहोतीहैकियहांहत्याहुईथी."
बालेंदुभूषणकहतेहैंकिइन्हींकमरोंमेंदोलोगोंकीहत्याहुईथी.उनकेमुताबिक़,इसबातकोसभीजानतेहैंलेकिनएसआईटीनेफ़ोरेंसिकटीमसेभीइसकीपुष्टिकीहै.उनकाकहनाहैकिइससेज़्यादाअबकोईसाक्ष्यमिलभीनहींसकतेहैंक्योंकिघटनाइतनीपुरानीहोचुकीहैऔरज़्यादातरमकानउसीस्थितिमेंनहींरहगएहैं,जिसस्थितिमेंघटनाकेसमयथे.
हालांकिइससवालपरएसपीबालेंदुभूषणनेकुछभीकहनेसेइनकारकरदियाकिक्यायेदोनोंकमरेघटनाकेबादसेबंदपड़ेथे?क्योंकिमकानकेमालिकऔरजाँचटीमकेमुआवनेकेदौरानवहांमौजूदअन्यलोगोंनेभीइसबातसेसाफ़इनकारकियाहैकियेकमरेबंदथेयाफिरयहांकिसीतरहकाकोईसाक्ष्यमिलाहै.
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कानपुरकेदबौलीमोहल्लेकेएलब्लॉकस्थितइसमकानकेमालिकअंगदसिंहरोषीनेबीबीसीकोबताया,"इसमकानकोमेरेपिताहरविंदरसिंहनेसाल1990मेंख़रीदाथा.पिछलेसालमेरेपिताकादेहांतहोगया.मुझेबहुतज़्यादाइसकेबारेमेंमालूमनहींहै.लेकिनजबसेयहमकानहमनेख़रीदाहैतबसेइसकाएकभीकमराबंदनहींहै."
उन्होंनेकहा,"एसआईटीऔरफोरेंसिकटीममंगलवारकोआईंथी.उन्होंनेमुझसेऔरमोहल्लेकेकईलोगोंसेपूछताछभीकीथी.मेरेसाथकुछपुलिसवालेयहींबैठेरहेऔरकुछलोगोंनेअंदरजाकरकुछजाँच-पड़तालकी.मुझेवहांनहींआनेदियागयाऔरकहागयाकिमैंयहींबैठारहूं.15-20मिनटजाँच-पड़तालकरनेकेबादटीमचलीगई.मुझेनहींपताकिमेरेघरमेंकहांउन्हेंख़ूनकेधब्बेमिलगए,कहांशवजलानेकेनिशानमिलगए."
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दबौलीस्थितइसमकानमेंएकनवंबर1984कोएकव्यवसायीतेजप्रतापसिंहऔरउनकेबेटेसत्यवीरसिंहकीहत्याकरनेकेबादशवजलादियागयाथा.उनकेपरिवारकेअन्यलोगउससमयमकानछोड़करबाहरचलेगए.बादमेंयहमकानहरविंदरसिंहनेख़रीदलिया.हरविंदरसिंहअबजीवितनहींहैंलेकिनउनकेबेटेअंगदसिंहअपनेपरिवारकेसाथयहांरहतेहैं.
अंगदसिंहकहतेहैं,"जिनकमरोंसेएसआईटीख़ूनकेधब्बेमिलनेकादावाकररहीहै,उनकमरोंमेंहमलोगपिछलेदससालसेपानीकाप्लांटचलारहेथे.पिछलेसालमेरेपिताजीकीमृत्युहोगईतोहमनेप्लांटबंदकरदियाथा.अबकमरोंकीसाफ़-सफ़ाईऔरपुताईकराकरउसेकिरायेपरदेनेकीतैयारीकररहेहैं."
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यहीनहीं,एसआईटीटीमकीजाँचकेदौरान1984दंगोंकेकुछअन्यपीड़ितलोगभीवहांमौजूदथेऔरउनलोगोंकाभीयहीकहनाहैकिइनकमरोंकीस्थितिऐसीहैकियहांसेख़ूनकेधब्बोंजैसेकोईसाक्ष्यमिलहीनहींसकतेहैं.
गुमटीनंबरपाँचकेपासदर्शनपुरवामेंरहनेवालेऔरजनरलस्टोरकेमालिकविशाखासिंहभीदंगोंकादंशझेलचुकेहैं.साल1984मेंवोभीदबौलीमेंहीअपनेपरिवारकेसाथरहतेथे.
उनकेचारभाइयों,एकबहनऔरमाता-पितासमेतपरिवारकेकुलसातलोगदंगोंकीभेंटचढ़गएथे.उसघरमेंअकेलेविशाखासिंहहीबचेथेजबकिउनकेतीनअन्यभाईजोदबौलीमेंहीदूसरेमकानमेंरहतेथे,वोभीबचगएथे.
दर्शनपुरवामेंविशाखासिंहकीदोदुकानेंभीलूटलीगईथीं.दबौलीमेंएसआईटीटीमअंगदसिंहकेघरकीजबजाँचकररहीथीउसवक़्तविशाखासिंहभीवहांमौजूदथे.
विशाखासिंहकहतेहैं,"एसआईटीकोनजानेकहांसेकौनसासबूतमिलगयाहै.तीससालसेघरइस्तेमालहोरहाहै.साफ़-सफ़ाईहोचुकीहै,कितनीबारपुताईहोचुकीहै,अबवहांकुछभीमिलनेकाकोईसवालहीनहींहै."
वेकहतेहैं,"एसआईटीकोकुछनकुछतोदिखानाहीहै,इसलिएबीच-बीचमेंऐसीबातेंकरतीरहतीहै.दूसरीबात,येसबचीज़ेंअबमिलभीजाएंतोउनसेक्याहोनेवालाहै.यहबाततोपहलेहीपताचलचुकीहैकितेजसिंहऔरउनकेबेटेकोवहींमारागया,जलायागयाऔरघरतहस-नहसकरदियागया.एसआईटीउसमेंक्यानईचीज़ढूंढ़रहीहै?किसनेमाराऔरइनसबकेपीछेकौनलोगथे,उसकेबारेमेंचश्मदीदलोगोंकेभीबयाननहींलिएजारहेहैं."
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सिखविरोधीदंगोंकीजाँचकेलिएदोसालपहलेराज्यसरकारनेएसआईटीकागठनकियाथा.हालांकिइससेपहलेभीकईतरहकीजाँचहुई,कईगवाहोंकेबयानलिएगए,चश्मदीदोंसेपूछताछकीगई,कईएफ़आईआरदर्जहुईंलेकिनलगभगसभीमुक़दमोंकीफ़ाइलेंयहकहकरबंदकरदीगईंकिअभियुक्तोंकेख़िलाफ़कोईख़ाससाक्ष्यनहींमिलेहैं.
हालांकिएसआईटीकेकुछअधिकारियोंनेनामनछापनेकीशर्तपरबतायाहैकिकुछलोगोंकेख़िलाफ़बहुतहीमहत्वपूर्णसाक्ष्यमिलेहैंऔरउनकीगिरफ़्तारीभीहोसकतीहै.लेकिनसिखदंगोंकेपीड़ितोंकेलिएन्यायकीलड़ाईलड़रहेलोगोंकोइनसबबातोंपरज़्यादाभरोसानहींहै.
अशोकनगरकेरहनेवालेसरदारमोकामसिंहख़ुदभीइनदंगोंकेचश्मदीदरहेहैंऔरउन्होंनेअपनेपरिजनोंकोभीखोयाहै.पिछलेकईसालोंसेवोपीड़ितोंकोन्यायदिलानेऔरमुआवज़ादिलानेकीलड़ाईलड़रहेहैं.
बीबीसीसेबातचीतमेंसरदारमोकामसिंहकहतेहैं,"इसकेसमेंएसआईटीकोअबबहुतकुछमिलनेकीउम्मीदनहींहैक्योंकिमृतकोंकेज़्यादातरपरिवारतोकानपुरछोड़करचलेगएहैं.शुरुआतमेंतोएसआईटीवालोंनेकोईख़ासजाँचनहींकीलेकिनपिछलेकुछदिनोंसेसक्रियहुएहैं.लेकिनइन्हेंभीगवाहऔरचश्मदीदनहींमिलरहेहैं.कईलोगगवाहीदेनेसेझिझकरहेहैं.लोगोंकोअबकिसीख़ासन्यायकीउम्मीदनहींहैऔरन्यायअबमिलनाभीमुश्किलहैक्योंकिबहुतदेरहोगईहै.जहांतकमुझेपताहैएसआईटीकेपासभीकोईख़ाससाक्ष्यनहींमिलाहैजिससेकुछहासिलहोसके."
सिखदंगेमेंमारेगएलोगोंऔरलूट-पाटइत्यादिसेसंबंधितक़रीबदोदर्जनमामलेशहरकेअलग-अलगथानोंमसलन,गोविंदनगर,बर्रा,फ़ज़लगंज,नौबस्ताइत्यादिमेंदर्जहैं.
एसआईटीफ़िलहाल19एफ़आईआरकीजाँचकररहीहै.एसएसपीबालेंदुभूषणकेमुताबिक़अबतकपंजाब,दिल्लीऔरमध्यप्रदेशकेअलावाकानपुरऔरयूपीकेअन्यहिस्सोंमेंकईजगहसौसेज़्यादालोगोंकेबयानदर्जकिएगएहैं.
साठसेज़्यादाअभियुक्तसंदेहकेघेरेमेंथेजिनमेंकईलोगोंकीमौतभीहोचुकीहै.इनमामलोंमेंअबतककिसीकीगिरफ़्तारीनहींहुईहै.आधिकारिकआंकड़ोंकेमुताबिक़,कानपुरमेंइनदंगोंमें127लोगोंकीमौतहुईथीजबकिघटनाकेप्रत्यक्षदर्शियोंकाकहनाहैकिमरनेवालोंकीसंख्याइससेकहींज़्यादाथी.
दंगोंकीनएसिरेसेजाँचकेलिएफ़रवरी2019मेंएसआईटीकागठनकियागयाऔरछहमहीनेमेंरिपोर्टदेनेकोकहागयालेकिनक़रीबढाईसालबीतजानेकेबादभीएसआईटीकेहाथकुछख़ासनहींलगसकाहै.
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