इसमेंदोमतनहींकिराज्यकेपास40फीसदखनिजसंपदा,13तरहकेवनोपजऔरमेहनतकशमानवबलहै।फिरभीसमृद्धिकेराष्ट्रीयबेंचमार्कपरहमपीछेक्योंहैं?
आजीविकाकेलिएवनोपजपरआश्रितग्रामीणोंकोमुख्यधारासेजोडऩेकीदिशामेंसरकारनेअच्छीपहलकीहै।देशका62फीसदलाहअकेलेझारखंडमेंउत्पन्नहोताहै।इसेकेंद्रमेंरखकरसरकारनेलाहकी100प्रसंस्करणइकाइयांस्थापितकरनेकीघोषणाकीहै।इसीतरह10हजारकिसानोंकेबीचढाईलाखमधुमक्खीबॉक्सबांटेजानेकाभीखाकासरकारनेतैयारकियाहै।पहलेचरणमेंनौजिलोंमेंपांच-पांचइकाइयांखोलेजानेकीतैयारीहै।इतनाहीनहींसरकारनेइनइकाइयोंकेउत्पादकीब्रांडिंगकेसाथ-साथउसेबाजारभीउपलब्धकरानेकावादाकियाहै।यहसब2022तककिसानोंकीआयदोगुनीकरनेकीसोचकेसाथकियाजारहाहै।सरकारकास्पष्टमाननाहैकिसिर्फपरंपरागततरीकेसेखेतीकरदोगुनीआयकालक्ष्यहासिलनहींकियाजासकता।ऐसेमेंसमेकितखेतीवक्तकीमांगहै।लिहाजाकिसानोंकोखेतीकेसाथ-साथमत्स्य,बकरी,सुकर,गो,मधुमक्खीपालनकेसाथ-साथवनआधारितअन्यउद्योगोंसेजोड़ाजानासमयकीमांगहै।सरकारकीसोचअच्छीहै,लेकिनकिसानोंकोसमृद्धबनानेकीयहपरिकल्पनातबतकमूर्तरूपनहींलेगी,जबतककिकिसानोंकेमन,उनकीक्षमताऔरउनकीयोग्यताकासहीआकलननहींकियाजाता।
ऐसीबातनहींहैकिकिसानोंकीदीनदशाबदलनेकेलिएऐसेप्रयासपहलीबारहोरहेहैं।टपकयोजना,गोवितरण,पोल्ट्रीफार्म,पंपसेटवितरण,स्वावलंबनकेलिएरिवाल्विंगफंड,फसलोंऔरवनोपजकेलिएन्यूनतमसमर्थनमूल्यकानिर्धारण,कृषिउपकरणबैंककीअवधारणाकोजमीनपरउतारागया,परंतुअंतिमकिसानतककोआजभीइसकाफलाफलनहींमिलसकाहै।इसमेंकोईदोमतनहींकिराज्यकेपास40फीसदखनिजसंपदा,13तरहकेवनोपजऔरमेहनतकशमानवबलहै।येसभीकारकराज्यकीमौजूदातस्वीरबदलनेकोकाफीहै।फिरभीसमृद्धिकेराष्ट्रीयबेंचमार्कपरहमपीछेक्योंहैं?जरूरतहैइसकेकारणोंकीतलाशकरनेकी।बहरहाललघुएवंकुटीरउद्योगबोर्डनेविकासभारतीऔररामकृष्णमिशनके600प्रशिक्षितट्रेनरोंको10हजारकिसानोंकोमधुमक्खीपालनकाप्रशिक्षणदेनेकाकार्यसौंपाहै।एकनईसोचकेसाथसरकारनेइसदिशामेंकदमबढ़ायाहै।देखनाहोगाकिसरकारकायहप्रयासइसबारक्यारंगदिखाताहै।
[स्थानीयसंपादकीय:झारखंड ]