सीतापुर:फाल्गुनपूर्णिमारविवारकीदेरशामलगभगसाढ़ेसातबजेपूरेरस्मपरंपराओंकानिर्वाहकरतेहुएलोगोंनेहोलिकादहनउत्सवधूमधामसेमनाया।कार्यक्रमकेतहतसभीहिदूसमाजकेलोगहोलिकादहनस्थलपरएकत्रहुएऔरहोलिकास्तंभकीपूजाअर्चनाकी।पूजनअर्चनकेबादहोलीमेंआगलगाईगई।लोगोंनेआगमेंअपनेघरोंसेलाएउपले,प्रसाद,गेहूंकीबालियां,अबीरगुलालआदिचढ़ातेहुएहोलिकास्तंभकीपरिक्रमाकीहोलीतापनेबादएकदूसरेकोहोलिकोत्सवकीबधाईदी।गाएगएहोलीगीतवभजनकीर्तन
होलिकादहनस्थलोंपरहोलीसमितिकेसदस्योंनेदहनकेपूर्वभजनकीर्तनआदिकाआयोजनकिया।परंपरागतवाद्ययंत्रोंहारमोनियम,ढोलक,मजीरा,ढपलीआदिबजाकरहोलीगीत,भजनआदिकागायनकिया।गीतोंपरयुवाजमकरथिरकेभी।शहरमेंइनप्रमुखस्थलोंपरजलीहोलिका
शहरकेहोलीनगर,आलमनगर,दुर्गापुरवा,प्रेमनगर,लोहारबाग,घूरामऊबंगला,आवासविकास,शिवपुरी,तामसेनगंज,शास्त्रीनगर,तरीनपुर,श्यामनाथआदिस्थलोंपरहोलिकास्तंभमेंआगलगाईगई।घरोंमेंभीहुआपूजनअर्चन
होलिकादहनस्थलसेपूजनकरकेकेवापसलौटेपुरुषोंवबच्चोंकेसाथघरकीमहिलाओंनेभीघरोंमेंपूजाअर्चनाकी।होलीतापनेकेबादपरंपरागतकथासुनाईगई।कथामेंदैत्यराजहिरण्यकश्यपकेपुत्रभगवानविष्णुकेभक्तप्रहलादकीहोलीसेजुड़ीघटनासुनाईगई।लोगोंनेहोलिकादहनकेसाथअपनेमनकेअहंकार,बुराइयोंकोजलानेकासंकल्पलिया।सभीनेआपसीभाईचारेमेलमिलापकेसाथरहनेकासंकल्पलिया।छोटोंनेअपनेसेबड़ेलोगोंकेचरणस्पर्शकरआशीर्वादलियावहोलीकीशुभकामनाएंदी।