संवादसूत्र,रूरा:कोरोनाकालकीविपत्तिवपरेशानीकेचलतेहरिद्वारकेकुंभमेंपहुंचनेसेवंचितलोगोंकेलिएगायत्रीपरिवारसहाराबनरहाहै।कुंभकागंगाजलवसाहित्यघर-घरपहुंचानेकाअभियानशुरूकियागयाहैऔरइससेलोगोंमेंखुशीकामाहौलहै।
कोरोनासंकटकेबादआर्थिकहालातवसमुचितसाधनकेअभावमेंइसबारग्रामीणक्षेत्रोंकेलोगहरिद्वारकुंभकाहिस्सानहींबनपारहेहैं।ऐसेमेंअखिलविश्वगायत्रीपरिवारकेरामसेवकपाल,धर्मेंद्रश्रीवास्तव,सौरभसिंह,राजनगुप्तासहितअन्यलोगोंनेटीमबनाकरघरघरमांगायत्रीकापूजनपाठकराकर'आपकेद्वारहरिद्वार'साहित्यिकपुस्तकवगंगाजलनिश्शुल्कभेंटकियाजारहाहै।लोगोंकोघर-घरयज्ञ,घर-घरगंगा,घर-घरसंस्कारवघर-घरहरिद्वारकानाराबुलंदकरतेहुएसात्विकभोजनग्रहणकरनेवदुर्व्यसनोंसेबचनेकासंकल्पकरायाजारहाहै।लोगोंकाकहनाहैकिशाकाहारहोगाऔरयज्ञहोंगेतोअपनेआपहीपरिवारोंमेंसंस्कारहोंगेऔरहमारेबच्चेबुरेकामसेदूररहेंगेक्योंकिऐसाकरनेसेउन्हेंसंस्काररोकेंगे।इसअभियानपरव्यवसायीरामजीगुप्ता,संजयद्विवेदी,श्रीकिशनगुप्ता,अधिवक्ताशैलेन्द्रसविता,बृजेंद्रद्विवेदी,हरिओमसेठ,अर्चनामिरावकिरनत्रिपाठीनेखुशीजताईहै।