बांका[सुधांशुकुमार]।सरकारकिसानोंकीआयबढ़ानेकेलिएकईतरहकीयोजनाएंचलारहीहै।परखेतीमेंबदलावतभीसंभवहैजबकिसाननएजमानेकीखेतीकोअपनाए।इसकामकोरजौनप्रखंडकेउपरामागांवकेएक'भैया' साकारकररहेहैं।वेकिसानोंकीसमृद्धिकेसारथीबनेहुएहैं।
अपनीजमीनपरभीकररहेआधुनिकखेती
बीएपास42वर्षीयरुपेशचौधरीपेशेसेकिसानहैं।उनकेपासकरीब13एकड़जमीनहै।इसजमीनपरवेआधुनिकखेतीकरतेहैं।इतनाहीनहीं,वेऔरोंकोभीइसकेलिएप्रेरितकरतेहैं।आसपासकेगांवमेंहरकोईउन्हेंप्यारसे'भैया' बुलाताहै,चाहेवहकिसीभीउम्रकाहो।इलाकेकेबुजुर्गकिसानभीउनसेखेतीसंबंधीजानकारीलेनेआतेहैं।
मौसमअनुकूलखेतीकेलिएकिसानोंकोकियातैयार
रजौनमेंअभीछहसौसेअधिकएकड़मेंमौसमअनुकूलखेतीहोरहीहै।इसकीमॉनीटङ्क्षरगबिहारकृषिविश्वविद्यालयकररहाहै।करीबदोसालपहलेजबइसप्रोजेक्टकेलिएगांवकेचयनकीबातचलरहीथीतोकईलोगइसतकनीककोअपनानेकोतैयारनहींथे।उसवक्तरूपेशनेस्थानीयकिसानोंकोघर-घरजाकरइसकेफायदेगिनाएऔरउन्हेंइसकेलिएराजीकिया।
न्यूनतमदरपरउपलब्धकरातेहैंकृषियंत्र
किसानोंकोनईतकनीकउपलब्धकरानेकेलिएरूपेशजिलाकापहलास्वलागतकृषियंत्रबैंकस्थापितकिया।इसमेंउन्होंनेहावेस्टर,हैप्पीसीडर,जीरोटिलेज,हैवीटैक्टरआदिकीखरीदकी।इससेकिसानोंकोकृषियंत्रकेलिएभटकनानहींपड़रहाहै।इसकेएवजमेंवेकाफीकमरुपयेलेतेहैं।
किसानोंकीबढ़रहीआमदनी
रूपेशबतातेहैंकिकरीबदोसालपहलेतकवेलोगपरंपरागतखेतीकरतेथे।उसमेंलागतअधिकथाऔरउपजकम।परआजवेलोगबीएयूकेनिर्देशनमेंआधुनिकखेतीकररहेहैं।इससेखेतीमेंलागतकाफीकमहोगईहैऔरउपजपहलेकीतुलनामेंबढ़गयाहै।वहीं,किसानोंकीअमदनीमेंभीबढ़ोतरीहुईहै।इससेस्थानीययुवाभीखेतीसेजुड़रहेहैं।इसकेसाथहीयहांपरहोरहीसफलमौसमअनुकूलखेतीकोदेखनेकेलिएविभिन्नप्रखंड़ोंसेलोगआरहेहैं।
उपरामामेंचलरहेमौसमअनुकुलखेतीकेबारेमेंचर्चाकरतेहुएबिहारकृषिविश्वविद्यालयकेकुलपतिडॉ.आरकेसोहनेनेकहाकिरुपेशचौधरीबेहतरकामकररहेहैं।उन्हेंजल-जीवनहरियालीमिशनमेंब्रांडएंबेस्डरकेरूपमेंपेशकियाजाएगा।इसकेलिएकवायदशुरूहोगईहै।साथहीउपरामावआसपासकेगांवमेंचलरहेमौसमअनुकूलखेतीकेसफलमॉडलकोअन्यजगहोंपरभीआजलागूकियाजारहाहै।