सुपौल।कहनेकोतोकिसानोंकेखेतोंतक¨सचाईकेलिएप्रखंडकेविभिन्नक्षेत्रोंसेहोकरउपशाखानहर,केनाल,वितरणीनहर,माइनरऔरमाइनरोंसेभीसीकाजालबिछादियागयाहै।लेकिनयह¨सचाईप्रणालीकीव्यवस्थामहजदिखावाबनकररहगयाहै।वर्तमानसमयमेंकिसानोंकोइसकालाभनहींमिलपाताहै।क्षेत्रकेकिसानोंको80फीसदखेतीआजभीनिजीस्त्रोतोंसेकरनेकीघोरविवशताहै।रबीफसलकेपटवनकेइसमौसममेंकिसानोंकेबीचगेंहूवमक्काफसलकेपटवनकोलेहाहाकारकीस्थितिमचीहुईहै।बावजूदकिसानोंकीकिसानीजमीनसेपानीनिचोडेंवालीदिखरहीहै।इसक्षेत्रकेकिसानोंकीमुख्यरबीफसलगेहूंकीखेतीमानीजातीहै।जिसमेंवेखासकरदिलचस्पीभीलेतेहैं।मौसमअनुकूलरहाऔरफसलअच्छीहुईतोसरकारउसेअपनाक्रेडिटबताकरअपनीपीठथपथपानेसेबाजनहींआतीहै।खराबहुईतोकिसाननेवैज्ञानिकतरीकोंकाइस्तेमालनहींकियाएकबहानाबनजाताहै।लेकिनसरकारद्वाराउन्हेंउनके¨सचाईकीउचितव्यवस्थाकरवानेमेंविफलदिखतीहैं।सूखीहैंनहरेंप्रखंडक्षेत्रसेगुजरनेवालीमुरलीगंजशाखानहरकाफैलावकईकिमीक्षेत्रमेंहै।जिससेपंसाहीवितरणीसेनिकलनेवालेपरसा,जयनगरा,तिलाठी,प्रतापगंजमाइनरकेसाथ-साथअन्यमहत्वपूर्णमाइनरोंमेंसेकोरियापट्टी,श्रीपुर,सुखानगर,दुअनियांआदिमेंपानीनहींपहुंचपानेकीवजहसेसूखापड़ाहै।इनमेंसेअधिकांशमाइनरऐसेहै,जिसमेंविगतकईवर्षोंसेपानीपहुंचाहीनहीं।जाहिरहैजबमाइनरहीसूखापड़ाहोतोकिसानोंकेखेतोंतकपानीपहुंचेगाभीकैसे?हकीकतयहहैइनमेंसेकुछमाइनरोंमेंपानीतबआताहैजबकिसानगेहूंवमक्काकीपटवनकरचुकेहोतेहैं।याफिरमुख्यकेनालोंमेंपानीछोड़नेकीविभागकीमजबूरीहोजातीहै।क्याकहतेहैंपूर्वविधायकपूर्वविधायकउदयप्रकाशगोईतबतातेहैंकि¨सचाईकोलेमुरलीगंजशाखानहरकीक्षमता1590क्यूसेकपानीकीहै।लेकिनविभागद्वारानहरकीजर्जरस्थितिकीवजहसेइसमेंलगभग500क्यूसेकपानीहीछोड़ाजाताहै।क्षमतासेकमपानीछोड़नेकीवजहसेभीकिसीभीमाइनरमेंपानीनहींपहुंचपाताहै।जबकिगेहूंमेंकमसेकमतीनवमक्कामेंआठसेदसबारतकपटवनकरनेकीआवश्यकताहोतीहै।हरवर्षनहरोंकीमरम्मतीकेनामपरविभागीयपदाधिकारियोंद्वारालाखोंरुपएकीलूटखसोटकरकिसानोंकोधोखेमेंरखाजारहाहै।फिरभीकिसानोंकेखेतोंतकपानीपहुंचानेमेंसरकारविफलसाबितहोरहीहै।उन्होंनेविभागसेउच्चस्तरीयजांचकराएजानेकीमांगकीहै।
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