जागरणसंवाददाता,कैथल:
धानकीरोपाईकाकामजोर-शोरकेसाथशुरूहोचुकाहै,लेकिनदूसरेराज्योंसेमजदूरोंकेनहींआनेकेकारणधानकीरोपाईमेंदिक्कतआरहीहै।किसानोंकाकहनाहैकिबाहरीप्रदेशोंसेमजदूरनहींमिलनेकेकारणधानकीरोपाईपरेशानीकासबबबनगई।वहींरोपाईकेलिएस्थानीयमजदूरभीपूरीतरहसेउपलब्धनहींहोपारहेहैं।इसकेचलतेकिसानोंकेचेहरेलटकेहुएहैं।किसानोंनेखेतोंकोतैयारकरदियाहैइसकेबादखेतसूखरहेहै।फसलरोपाईनेउनकाजीनादुश्वारकरदियाहै।किसानोंनेसरकारसेमांगकीहैकिबाहरीप्रदेशोंसेखेतीमजदूरोंकेवापसीकोलेकरठोसकदमउठाएं,ताकिसमयरहतेपूरीरोपाईहोसके।
10हजारमजदूरोंनेकियापलायन
लॉकडाउनहोनेकेबादमजदूरोंकोअपनेअपनेघरभेजदियागयाथा।ताकिसंक्रमितबीमारीसेलोगोंकोबचायाजासके।इसलिएमईमाहमेंउत्तरप्रदेशवबिहारकेमजदूरोंनेपलायनकरनाशुरूकरदिया।कैथलक्षेत्रमेंसबसेज्यादामजदूरउत्तरप्रदेशवबिहारसेहीआतेहैं।लॉकडाउनकेदौरानखुदकोबीमारीसेबचानेकेलिए10हजारमजदूरयहांसेपलायनकरगए।अबउनकीकमीसतारहीहै।उत्तरप्रदेशवबिहारकेमजदूरोंकोधानरोपाईमेंमाहिरमानाजाताहै।वेबहुतकमसमयमेंबहुतबड़ेरकबेमेंधानलगादेतेहैं।उनकेजितनीक्षमतायहांकेमजदूरोंमेंनहींहै।
लोकलमजदूरोंनेबढ़ायारेट
अबलोकलमजदूरोंकेलिएकिसानोंकेपासकोईविकल्पनहींबचा।दूसरेराज्योंकेमजदूरोंकीवापसीकेबादलोकलमजदूरोंकेभावबढ़गएहैं।गतवर्षधानरोपाईकाभाव2500रुपयेप्रतिएकड़था।इसबारलोकलमजदूरोंने4000रुपयेतकमांगनेशुरूकरदिएहैं।कुछकिसानोंने3100रुपयेप्रतिएकड़सेज्यादाभावनहींदेनेकाफैसलालियाहै।कईगांवोंमेंइसभावमेंमजदूरमिलनेमुश्किलहोगएहैं।ज्यादामजदूरीदेनेपरकिसानकोबचतकमहोतीहै।
मनरेगामजदूरोंकोलगानेकीमांग
किसानरणधीरवसुरेशनेसरकारसेमांगकीहैकिधानकीरोपाईकेलिएमनरेगामजदूरोंकोलगायाजाए।ताकिकिसानअपनीधानरोपाईकोसमयपरकरवासके।मनरेगायोजनाकेतहतमजदूरोंको310रुपयेमजदूरीमिलतीहैऔरकामकमकरनापड़ताहै।इसलिएकिसानोंकीसमस्याकोदेखतेहुएइन्हेंलगायाजाए।
ग्रामीणमजदूरोंसेकामचलायाजारहा
कृषिउपनिदेशककर्मचंदनेबतायाकिमजदूरोंकीसमस्याकोसरकारकेपासभेजदियागयाहै।ग्रामीणमजदूरोंसेकामभीकरायाजारहाहै।