जागरणटीममंडी/पद्धर/बरोट/लडभड़ोल:मंडीजिलेमेंसायरपर्वपरअखरोटोंकीबौछारोंसेदेवी-देवतओंकास्वागतकियागया।महीनोंबादमंदिरोंकेकपाटखुलेहैं।सभीदेवताओंकेदेवरथप्राचीनमंदिरोंमेंपहुंचे।यहांपरदेवताओंनेसर्वप्रथमशीशनवाया।इसकेबाददेवी-देवताओंकाभव्यमिलनाहुआ।देवताओंनेगूरकेमाध्यमसेदेववाणीकरलोगोंकोसुख-समृद्धिकाआशीर्वाददिया।
लोगोंनेकुलदेवताओंकोअखरोटवदूबचढ़ाकरपर्वमनाया।सराजकेऐतिहासिकधार्मिकस्थलशैटाधारमेंआस्थाकासैलाबउमड़ा।बुधवारकोहजारपहाड़ियोंकेराजाशैटीनागऔरमाताहडिबावाद्ययंत्रोंकीधुनोंपरहारियानोंसंगशैटाधारपहुंचे।देवध्वनिसेमाहौलदेवमयीहोउठा।देवी-देवताओंकेशैटाधारमेंकदमरखतेहीपारंपरिकरीतकेअनुसारअखरोटकीबौछारोंकेसाथस्वागतकिया।वहींसराजकेआराध्यदेवचुंजवालामहादेवभीअपनेनिवासस्थानसेबाहरनिकले।बालीचौकीकेफगवानामेंभीदेवबुशहराखोडूवखरीडूकेबीचभव्यमिलनहुआहै।चौहाघाटीमेंदेवतानेकारकारिदेवभक्तोंकेसाथपर्वमनायाहै।बरोटवलडभड़ोलमेंसायरीपर्वकीधूमरही।
सायरपर17अनाजोंकीपूजा
सायरकात्योहारकृषिऔरपशुपालनसेजुड़ाहुआहै।इसदिनअनाजपूजाकेरूपमेंभीमनायाजाताहै।इसमौसममेंहोनेवालेअनाजधान,मक्की,तिल,पेठा,कद्दूकेअलावाफलोंमेंअखरोट,गलगलसमेतकरीबसोलहअनाजोंकीपूजासायरपरकीजातीहै।
घर-घरमेंमनायापर्व
मंडीजनपदमेंघरोंमेंविशेषपूजा-अर्चनाभीगईहै।लोगोंनेकुलदेवताकीपूजा-अर्चनाकरआशीर्वादलिया।दुल्हनोंवअन्यलोगोंनेसायरपूजाकेबादबुजुर्गोंकाआशीर्वादलिया।देवशैटीनागकेकारदारहिम्मतरामनेबतायाहैकियहऐतिहासिकपर्वकईवर्षोसेमनायाजारहाहै।इसमेंलोगोंनेअपनीसमस्याएंदेवताकेसमक्षरखीहै।गूरनेदेवताकेमाध्यमसेलोगोंकीसमस्याओंकानिवारणकियाहै।करीबएकमाहकेबादमंदिरोंकेकपाटखुलेहै।
बच्चोंनेघर-घरजाकरबुजुर्गोकालियाआशीर्वाद
संवादसहयोगी,कुल्लू:जिलाकुल्लूमेंसायरपर्वपरसुबहहीबच्चोंनेघर-घरजाकरबुजुर्गोंऔरदेवी-देवताओंकाआशीर्वादलिया।देवी-देवताओंकीविशेषपूजा-अर्चनाकीगई।देवालयोंमेंश्रद्धालुओंकीभीड़रही।उझीघाटीहलाण,मणिकर्णघाटीकेपड़ेई,धारगण,व्यासर,तांदला,शांघड़औरबागनआदिस्थानोंपरसायरमेलोंकाआयोजननहींहोपाया।
वहींघरआएमेहमानोंकोपारंपरिकव्यंजनसिड्डू,भल्लेऔरदेसीघीकेपकवानपरोसेगए।स्थानीयग्रामीणदेवकन्या,सुचेता,हरमेशलाल,देवेश,चंद्रप्रभा,लालचंद,चिमतराम,शेरसिंहआदिकहाकिसायरपर्वकेइसवर्षमात्रपरंपरानिर्वाहनमात्रहीमनायागया।गांवोंमेंयहसातदिनोंतकचलतारहेगा।कुल्लूकेढालपुरमेंदोदिनोंसेलगातारलोगअखरोटकीखरीददारीकरतेरहे।इसअवसरपरबाजारमेंअखरोटभारीमात्रामेंलाएगएहैं।