संवादसहयोगी,रियासी:रियासीमेंलोहड़ीपर्वपरयहांश्रीदुर्गानाटकमंडलीरियासीनेढोलकीथापपरलोगोंकेघरोंमेंनाचकरलोहड़ीमांगी।वहीं,बच्चोंनेभीलोगोंकेघरोंमेंजाकरलोहड़ीमांगनेकीपरंपराकोबनाएरखा।बच्चोंकीकईटोलियांसुबहहीलोहड़ीमांगनेकेलिएनिकलपड़ीं।इनमेंकईटोलियांढोलसहितलोगोंकेघरोंमेंपहुंचींऔरवहांनाच-गाकरलोहड़ीमांगीतोकइयोंनेपारंपरिकबोलसुनाकरलोहड़ीमांगी।
श्रीदुर्गानाटकमंडलीभीस्थानीयरामलीलामैदानसेढोल-नगाड़ोंसहितनिकलीऔरसर्वप्रथमकस्बेकेमुख्यबाजारमेंस्थितभगवानश्रीगणेशजीकेमंदिरमेंप्रसादचढ़ायातथामाथाटेकनेकेबादलोगोंकेघरोंमेंलोहड़ीमांगनेकीशुरुआतकी।लड़कोंकेजन्मऔरमुंडनवनईशादियोंवालेघरोंमेंजाकरमंडलीद्वाराढोलकीथापपरखूबधमालमचायागयातोवहींलोगभीकाफीखुशहुए।लोगोंनेलोहड़ीमांगनेघरआईमंडलीकेसाथहीबच्चोंकीअन्यटोलियोंकास्वागतकियाऔरपरंपराकेअनुसारलोहड़ीकेपैसेदिए।इनमेंकईलोगोंनेकहाकिउन्हेंफिरसेदोदशकपहलेकीलोहड़ीयादआगईकिजबस्थानीययुवाओंऔरबच्चोंकीटोलियांपारंपरिकछज्जेबनाकरलोगोंकेघरोंमेंलोहड़ीमांगतीथी।पर्वकेदिनऔरदेरशामतकलोहड़ीमांगनेवालीटोलियांखूबधमालमचातीथींऔररातकोहिरननाचहोतेथे।लेकिनसमयकेसाथ-साथइसपर्वकाउत्साहकमपड़गया।लोगलोहड़ीपरइंतजारकरतेरहतेथेकिकबकोईटोलीपरंपराकेमुताबिकउनकेघरोंमेंलोहड़ीमांगनेआए,लेकिनइसपरंपराकोबनाएरखनेवालेकुछबच्चोंकीटोलियोंकेअलावाऔरकोईभीनहींआताथा।वर्षोबादश्रीदुर्गानाटकमंडलीद्वारापारंपरिकतरीकेसेघरोंमेंलोहड़ीमांगनेपहुंचनेपरलोगभीकाफीखुशहुए।इनमेंकईघरोंमेंबुजुर्गभीखुशीकेकारणखुदकोढोलकीथापपरझूमनेसेरोकनहींपाएऔरउन्होंनेभीढोलकीथापपरझूमकरइसपर्वमेंनईउमंगऔररंगभरनेकाकामकिया।मंडलीकेसदस्योंनेबुजुर्गोकेसाथ-साथशादीकेनएजोड़ोंकोभीखूबनचाया।देरशामकोमंडलीनेमुख्यबाजारमेंलोहड़ीजलाईऔरफिरवहांसभीनेखूबभंगड़ाडाला।घरोंमेंभीलोगोंनेलोहड़ीजलाकरमूंगफली,चिउड़े,रेवड़ियांआदिकाअर्घ्यदियाऔरअगलेवर्षभीलोहड़ीसभीकेलिएखुशियांलेकरआनेकीप्रार्थनाकी।