मधुबनी।ठाढीस्थितचंदाझास्मारकस्थलपरमंगलवारकोकवीश्वरचंदाझास्मृतिपर्वसमारोहकाआयोजनचन्दाझास्मारकसंरक्षणसमितिकेद्वाराकियागया।कवीश्वरचन्दाझाकीमूर्तिपरमाल्यार्पणकेसाथकार्यक्रमआरम्भहुआ।कार्यक्रमकीअध्यक्षतासंबोधमिश्रनेकिया।
कार्यक्रमकासंचालनकरतेहुएसमितिकेशोभीकान्तझासज्जननेकहाहरवर्षकीतरहइससालभीमाघीसप्तमीकेदिनचन्दाझास्मृतिसमारोहकाआयोजनकियागयाहै।अरुणोदयकुमारउर्फप्रवीणकीमधुरप्रस्तुतिभगवतीवंदनाजै-जैभैरविपरलोगदेरतकतालीबजातेरहे।कार्यक्रममेंएकसेबढकरएककथाकारवकविनेअपनेरचनाओंसेश्रोताओंकोमंत्रमुग्धकरदिया।इसअवसरपरचंदाझाकृतमिथिलारामायणकासस्वरपाठभी
कार्यक्रमआयोजनमेंमुख्यभूमिकानिभानेवालेयुवादिनेशकुमारझानेचन्दाझारचितकृतियोंकोमिथिलाऔरमैथिलीकीअनुपमधरोहरबताया।उन्होंनेइसतरहकेआयोजनोंकोमहत्वपूर्णबतातेहुएकहाकिआनेवालीपीढियांऐसेआयोजनोंसेअपनीसंस्कृतिऔरसाहित्यसेजुड़तीहै।जीवकांतझा,डॉप्रेमकांतझा,कुंवरजीझा,धनिलझा,अवधेशझासोनू,इन्द्रनारायणमिश्र,सुनीलकुमारझाआदिवक्ताओंनेकहाकिकविविद्यापतिकेपश्चात्मैथिलीसाहित्यकेआकाशपरसर्वाधिकउज्जवलनक्षत्रचन्दाझाहीहुएहै।चन्दाझारचितमैथिलीरामायणमैथिलीसाहित्यकागौरवहै।चन्दाझानेमिथिलावमैथिलीसाहित्यकोअपनेअत्युत्तमकृतिसेसंसारमेंअमरकरदिया।