सिसकियांलेतास्वर्ग
लेखकःनिदानवाज़
प्रकाशकःअंतिकाप्रकाशन
कीमतः140रु.
अजीबविडंबनाहैकिअच्छासाहित्यउनइलाकोंसेआताहै,जहांइनसानोंकाजीनामुहालहै.पिछलीचौथाईसदीसेकश्मीरजिनहालातसेगुजररहाहै,उसकेबारेमेंकिसीकोबतानेकीजरूरतनहींहैकिवहांकिसतरहआमलोगोंपरमुसीबतोंकापहाड़टूटापड़ाहै.राज्यमेंएकओरउग्रवादियोंऔरदूसरीओरसुरक्षाबलोंकीज्यादतियोंकेबीचपिसरहेआमलोगोंकीकहानीबहुतकमलोगोंनेबयानकीहै,खासकरहिंदीमें.
तीनविषयोंमेंमास्टर्सकीडिग्रीहासिलकरनेकेबादबड़ीमुश्किलसेशिक्षकबनेनिदानवाज़राज्यकेउनचंदलोगोंमेंहैं,जोनकेवलहिंदीकेकविहैंबल्किअपनेआसपासकेमाहौलकेबारेमेंबेबाकरायरखतेहैं.यहकिताब1991से2015तकलिखीगईडायरीकाहिस्साहै.हालातसंगीनहोंऔरकहींसेउम्मीदकीकोईकिरणनजरनआरहीहो,औरऐसेमेंखुदलेखकउसीसमाजमेंजीरहाहोतोउसकेरोजनामचेकेपन्नोंसेमानसिकवेदनाऔरउत्पीडऩकाभावसाफझलकताहै.उग्रवादियोंनेउनकातीनबारअपहरणकिया,उनपरदुनियाभरकेजुल्मढाएऔरउन्हेंमार-मारकरअधमराकरदिया.लेकिनऐसानहींहैकिसुरक्षाबलोंनेउनकेसाथकोईअच्छासुलूककियाहोकृदोबारउन्होंनेभीपीटा.एकबारजबवेअपनेबेटेकीकिडनीकेइलाजकेसिलसिलेमेंश्रीनगरमेंथेतोलालचौकपरअचानकहंगामाबरपाहोगया.वेइसउधेड़बुनमेंथेकिपांचबजेसिटीनर्सिंगहोमकैसेपहुंचाजाए.इसीबीचएकजवानउनकीतरफआयाऔरबोलपड़ा,''हेदाढ़ीवाले,यहांक्याअय्याशीकररहेहो!"इससेपहलेकिवेकुछबताते,उसनेउनकेचेहरेपरजोरदारथप्पड़जड़दियाऔरकहनेलगा,''हरामीकहींका,तुमसभीकश्मीरीसालेआतंकवादीहो."बापकीजलालतसेहतप्रभबेटेनेबादमेंपूछा,''डैडी,उसफौजीनेगालियांदेकरआपकोथप्पड़क्योंमारा?"इससवालकाउनकेपासकोईजवाबनहींथा.
लेकिनकिताबके28अध्यायोंकोगौरसेपढऩेपरकईसवालोंकेजवाबखुदमिलजातेहैं.येजवाबनिदाकीअतिसंवेदनशीलताऔरविद्रोहीप्रवृत्तिकीवजहसेमिलतेहैं.इसकीवजहसेइनसानोंकेचेहरों,मामलोंऔररिश्तोंसेउनकाविश्वासउठजाताहै.अविश्वासकाऐसाआलमहैकिएकदाढ़ीवालेकोदूसरेदाढ़ीवालेपरभरोसानहीं.वेवकील,न्यायाधीश,हत्यारेऔरगवाहोंकेबीचसमानतापातेहैं.वेशब्दोंकेनगाड़ेबजाकरलोगोंकोचौकन्नाकरनेकीकोशिशकरतेहैंकि''आपकेशहरमें,आपकीबस्तीमेंरक्षकनुमाभक्षकघुसआएहैं."
निदा''आइएसआइऔरआतंकवादकोचलानेवालेदुकानदारों,दलालोंऔरसौदागरों"सेपूरीतरहपरिचितहैंलेकिनजबसमयसेपहलेतरन्न्कीपानेकेलिएउनकेबच्चोंकोकुर्बानीकाबकराबनायागयातोउन्हेंराष्ट्र,धर्मनिरपेक्षताऔरलोकतंत्रकेकसीदेकाढऩेकेलिएकोसाजानेलगा.वैसे,हकीकतयहहैकि''जिसखानेमेंमैंनेआतंकवादियोंऔरइस्लामीकट्टरवादियोंकोरखाथा,ठीकउसीखानेकेएकतरफहिंदूकट्टरवादीविचाररखनेवालेऔर''मोती"जैसीमानसिकतारखनेवालेफौजियोंकेलिएजगहबनरहीथी."यहां''मोती"शब्दकिसअर्थमेंयाकिसमजबूरीमेंप्रयोगकियागया,समझाजासकताहै.दहशतगर्दीकेदौरमेंमटियामेटहोतीइनसानीमर्यादाओंकीढेरोंमिसालसमेतकश्मीरकीहकीकतकोबयानकरनेवालीयहकिताबखरीदकरपढ़ीजानीचाहिएक्योंकियहदरअसलनिदा-ए-कश्मीर(कश्मीरकीआवाज)है.