पूर्णिया।संस्थागतप्रसवमेंजिलापिछलेवर्षअव्वलरहाथा।इसकेबावजूदजिलामेंप्रत्येक100मेंसे25गर्भवतीकाप्रसवघरपरहीहोरहाहै।नेशनलफैमलीहेल्थसर्वे2018केमुताबिकअभीभीराज्यमेंप्रतिलाखमें165प्रसूताओंकीमौतप्रसवकेदौरानहोजातीहै।
संस्थागतप्रसवकोबढ़ावादेनेकेलिएविभागीयप्रयासरंगतोलारहीहैलेकिनअभीशतप्रतिशतकेलक्ष्यसेकाफीदूरहै।जननीसुरक्षायोजनामेंगर्भवतीमहिलाओंकोचिकित्सासंस्थाओंमेंप्रसवकरानेपर1400रुपयाप्रोत्साहनराशिदीजातीहै।इसकेसाथप्रेरककेतौरपरआशाकार्यकर्ताओंकोभीप्रोत्साहनराशिप्रदानकीजातीहै।संस्थागतप्रसवसेमातृ-शिशुमृत्युदरमेंकाफीकमीआसकतीहै।यहीकारणहैशिशुमृत्युदरभीजिलेकाउच्चहै।मातृ-शिशुमृत्युदरकमीलानेकेलिएहोमबेस्डयंगचाइल्डकेयरकार्यक्रमकासंचालनकियाजारहाहै।25फीसदऐसीमहिलाएंअबभीहैंजोघरमेंबच्चेकोजन्मदेतीहै।ऐसेमेंजच्चा-बच्चाचिकित्सासुविधासेवंचितरहताहैऔरदोनोंरिस्कमेंहोतेहैं।वैसेबच्चेतकपहुंचनेकेलिएइसयोजनाकेमाध्यमसेमाताका42दिनोंतकऔरशिशुका365दिनोंआशाकार्यकर्ताकेविजिटकेमाध्यमसेसुरक्षाप्रदानकीजारहीहै।जिलेमेंशिशुमृत्युअबभीप्रतिहजारमें38है।
शतप्रतिशतनहींमिलीहैसफलता
संस्थागतप्रसवकोबढ़ावाऔरमातृ-शिशुमृत्युदरमेंकमीलानेकेलिएजननीसुरक्षा,मातृवंदनयोजना,मातृत्वसुरक्षायोजनाऔरकिलकारीयोजनाकाकासंचालनकियाजारहाहैलेकिनअबतकशतप्रतिशतसंस्थागतप्रसवतकपहुंचनेमेंसफलतानहींमिलीहै।
संस्थागतप्रसवकेलिएग्रासरूटलेवलपरकार्यहोरहाहै।अभीसूबेमेंजिलाकास्थानबेहतरहै।घर-घरअभियानचलाकरलोगोंसंस्थागतप्रसवकीजानकारीदीजारहीहै।संस्थागतप्रसवकोशतप्रतिशतकरनेकालक्ष्यहै।
डॉ.मधुसूदनप्रसाद,सिविलसर्जन