अगरकोईकोरोनारोगीबीकानेरकेपीबीएमअस्पतालमेंइलाजकरवानाचाहताहैतोयहइतनाआसानभीनहींहै।रोगियोंकोभर्तीकेलिएमनानहींकियाजारहा,बल्किकईशर्तेंपूरीहोनेपरहीउसेप्रवेशमिलपारहाहै।कारणसाफहैकिअस्पतालकेपासअबइतनेसंसाधनहीनहींहैकिसभीकोभर्तीकरलियाजाए।जिनकोअत्यंतआवश्यकताहै,वोहीभर्तीहोपारहेहैं।बढ़तीसंख्याकेबीचअत्यंतगंभीररोगियोंंकोबचानेकाअस्पतालप्रशासनकेपासयहीउपायशेषरहगयाहै।अबइसेअस्पतालप्रबंधनकीनिष्ठुरताकहें,अव्यवस्थायामजबूरी,किसीकेसमझनहींआरहा।कभीयहव्यवस्थासहीलगतीहैतोकभीगलत।
बीकानेरमेंहररोजऔसतनसातसौसेअधिकपॉजिटिवकेसआरहेहैं।इसमेंदसफीसदीवेरोगीहै,जिनकाऑक्सीजनलेवलबहुतकमहोताहै।यहलोगविलंबसेजांचकरानेवालेहैंऔरहालातबिगड़नेकेबादअस्पतालपहुंचरहेहैं।जहांRTPCRजांचहोनेकेबादइनकाकोविडइलाजशुरूहोपाताहै।यानीसंक्रमणकेकईदिनबाद।तबतकऑक्सीजनलेवलकाफीकमहोजाताहै।ऐसेहीरोगीबादमेंवेंटीलेटरतकपहुंचजातेहैं।
यहकररहाहैअस्पतालप्रबंधन
पीबीएमअस्पतालमेंफिलहालउनरोगियोंकोभर्तीकियाजारहाहै,जिनकाऑक्सीजनलेवलनब्बेसेकमआरहाहै।इसलेवलपरभीजिनकीHRCTकास्कोरसहीआरहाहै,उन्हेंभर्तीकरनेमेंआनाकानीकीजारहीहै।घरपरहीइलाजकाप्रयासकियाजारहाहै।वर्तमानमेंअस्पतालमेंतीनसौसेअधिकमरीजहै।इनमरीजोंमेंपचाससेअधिकअभीभीगंभीरअवस्थामेंहै।इन्हेंवेंटीलेटरवबाइपेपकेसपोर्टपररखागयाहै।असलमेंअस्पतालकीकोशिशहैकिकिसीभीसूरतमेंसामान्यमरीजअस्पतालमेंआकरभर्तीनहो।ऐसेमरीजहीभर्तीहों,जिनकीतबीयतअस्पतालमेंभर्तीहुएबिनाठीकनहींहोसकती।साथहीअस्पतालप्रबंधनइसबातकीकोशिशभीकररहाहैकिमरीजकेसाथआएपरिजनयहजानलेंकिउन्होंनेसंक्रमणटैस्टकरानेमेंदेरीकरदी,यदिभविष्यमेंपरिजनमेंसेकिसीकोतबीयतखराबहोनाजैसामहसूसहोतोवेतुरंतटैस्टकरालें,ताकिअस्पतालमेंभर्तीहोनेकीनौबतनहींआए।
निजीअस्पतालोंमेंव्यवस्था
बीकानेरकेकरीबएकदर्जननिजीअस्पतालोंमेंभीकोरोनारोगियोंकाइलाजचलरहाहै।यहांऑक्सीजनपर्याप्तमात्रामेंउपलब्धहोरहीहै।निजीअस्पतालमेंरोगियोंकेसाथपरिजनोंकोरुकनेकीछूटमिलरहीहै।ऐसेमेंआर्थिकरूपसेमजबूतरोगीकेपरिजननिजीअस्पतालोंकीओरभीजारहेहैं।इनअस्पतालोंकीव्यवस्थापरभीजिलाप्रशासनकीमॉनिटरिंगहै।
बढ़रहामृत्युकाआंकड़ा
बीकानेरमेंएकजनवरीसेअबतक65रोगियोंकीकाेरोनाकेकारणमौतहोगई।इसमें64मौतेंसिर्फअप्रैलमेंहुईहै।सिर्फएकमौतजनवरीमेंहुईथी।फरवरी,मार्चमेंकोरोनासेएकभीमौतनहींहुईथी।अप्रैलमेंभीदसतारीखकेबादमौतकाआंकड़ाबढ़नाशुरूहुआहै।महजबीसदिनमेंकोरोनानेहालातबदलदिए।