जागरणसंवाददाता,अंबाला। अंबाला-दिल्लीनेशनलहाईवेपरमोहड़ामेंसरकारीअस्पतालकीतर्जपर5एकड़मेंडा.नानकचंदवधावनमेमोरियलअस्पतालसंचालितहोरहाहै।यहअस्पतालदूसरेविश्वयुद्धमेंभारतीयसेनाकेडा.नानकचंद्रवधावनकीस्मृतिमेंस्थापितकियागयाहै।
डा.नानकचंद्रवधावनकोजापानमेंकरीबदससालतकबंधकबनाकररखागया।डा.वधावननेजापानकीजेलमेंबंदीरहनेकेबावजूदभीहजारोंलोगोंकाइलाजकरकेस्वस्थकरनेकाकामकिया।जबउन्हेंजापानसरकाररिहाकरनेलगीतोएकप्रस्तावरखाकिअगरवहचाहेंतोजापानमेंआलीशानकोठीमेंरहेंऔरउनकीसातपुस्तोंकाखर्चजापानसरकारउठाएगी।डा.वधावनजापानसरकारकेइसप्रस्तावकोठुकरातेहुएअपनेदेशकीमाटीकोचूमनेकेलिएवहांसेरवानाहुए।डा.नानकचंद्रकीपोतीअन्नूवधावनबतातीहैंकिउनकायहीसपनाहैकिअपनेदादाकेमुख्यकार्यडाक्टरीकीप्रथाकोकायमरखाजाए।इसीलिएयहअस्पतालस्थापितकराकरयहांपरजिलेऔरबड़ेशहरोंकेनामीचिकित्सकबैठकरमरीजोंकाइलाजकररहेहैं।
डा.नानकचंद्रवधावन
आजउनकीयादमेंबच्चेचलारहेमेमोरियलअस्पताल।डा.वधावनकेतीनपुत्रहुए।इनमेंसबसेबड़ेएसकेवधावन,दूसरेनंबरपरविजयवधावनऔरसबसेछोटाबेटाराजीववधावनरहे।इनसभीनेमिलकरमोहड़ामेंडा.नानकचंद्रवधावनमेमोरियलअस्पतालस्थापितकिया।आजइसअस्पतालमेंहार्टसेलेकरस्किनकीसभीबीमारियोंकाइलाजहोताहै।
जांचकेलिएनिजीलैबमेंमिलतीहैछूट
यहांआनेवालेमरीजको50रुपयेकाकार्डबनवानाहोताहै।यहएकमहीनेतककेलिएमान्यहोताहै।इसएककार्डसेशरीरमेंकिसीभीबीमारीकाइलाजकरायाजासकताहै।इसकेअलावाविशेषज्ञचिकित्सकजोदवालिखतेहैं,उसेयहांकीपर्चीपरबाजारमेंभीखरीदनेपरप्रिंटखुदरादरकेहिसाबसे20फीसदकीछूटमिलतीहै।इसीतरहजांच,अल्ट्रासाउंड,एमआरआइऔरसिटीस्कैनकरानेपरभी40प्रतिशततककीछूटशहरऔरछावनीकेकुछनिजीलैबमिलतेहैं।
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