बदनसीबीऔरराजनीतिकअनदेखीकीनियतिबनचुकेबुंदेलखंडमेंआजतकवादोंकेबादलनहींबरसेहैं।आजादीके70वर्षबादभीकर्जकेबोझतलेकिसानोंकीआत्महत्या,सूखेसेभुखमरीऔरबेरोजगारीसेपलायनकासिलसिलाजारीहै,जोयहदर्शाताहैकिलोकलुभावनेवादेलेकरआनेवालेनेताओंकीइच्छाशक्तियहांपहुंचनेसेपहलेहीदमतोड़गई।आजादीकेबादकांग्रेसपरभरोसाजतायातोसभीसीटेंउनकीझोलीमेंडालदीं।90केदशकमेंपरिस्थितियांबदलींतोसपा-बसपाकाराजरहा।पिछलेचुनावमेंमोदीलहरचलीतोसभीसीटोंपरभगवापताकालहराई।उम्मीदथीअच्छेदिनआएंगे,लेकिनआएनहीं।एकबारफिरबुंदेलेछलेगए।पूर्वप्रधानमंत्रीमनमोहनसिंहसेलेकरप्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीतकनेबुंदेलखंडकेबड़े-बड़ेवादेकिएलेकिनवादोंकेबादलकभीबरसनहींसके।बुंदेलखंडकीस्थितिकोटटोलतीश्याममिश्राकीरिपोर्ट...
11हजारसेज्यादाकिसानोंनेकीआत्महत्याबुंदेलखंडकेपूरबमेंपाठासेलेकरपश्चिममेंवीरभूमिमहोबातकनपीनेकोसाफपानीहैऔरनखानेकोदाने।कईगांवऐसेहैंजहांएक-दोपरिवारहीबचेहैं।आजादीके70सालोंमेंयहांसिर्फ24बांधबने।इसकेबादभीबांदा-चित्रकूट,हमीरपुर-महोबाऔरझांसीमंडलमें2003सेअबतककरीब11हजारसेज्यादाकिसानोंनेआत्महत्याकी।तमामसरकारीसुविधाओंकेबादभीक्षेत्रके80फीसदसेज्यादाकिसानकर्जदारहैं।येवोआंकड़ेहैं,जोचुनावमेंमतदाताओंकातापबढ़ारहेहैं।चुनावकेदौरानइसकेकारणगिनाएजातेहैंऔरदूरकरनेकाभरोसादिलातेहैैं,मगरचुनावबादइनआंकड़ोंकाग्राफबढ़जाताहै।बेसहाराजानवरोंनेऔरबढ़ाया मर्जबांदा-चित्रकूट,हमीरपुर-महोबाऔरजालौन,ललितपुर,झांसीआजादीकेबादसेहीउपेक्षितरहाहै।पानीकीकिल्लतपहलेसेहीथी।पिछलेदोदशकोंमेंजंगलोंकीअधाधुंधकटानहुई।अन्नाप्रथाबेसहाराजानवरोंकीसंख्यानेकिसानोंकामर्जऔरबढ़ादिया।जिलोंमेंउद्योगदमतोड़तेगएऔरबेरोजगारीबढ़तीगई।इसीबीचप्रकृतिभीबुंदेलोंसेरूठगई।सरकारकीओरसेपहलीबारवर्ष2002मेंक्षेत्रकोसूखाग्रस्तघोषितकियागया।21वींसदीके19सालोंमेंयहां17बारसूखापड़चुकाहै।क्षेत्रमेंसूखेसेनिपटनेकेलिएजहांबांधबनाएगएउनमेंपानीकाप्रबंधआजतकनहींहोपाया।
किसीनेनलड़ीअन्नदाताकीलड़ाईकिसाननेताबैजनाथअवस्थीकाकहनाहैकिपिछलेएकदशककाहालदेखेंतोअन्नाप्रथा,सूखा,कर्जकेबोझसेदबेकिसानोंकीआत्महत्याओंकादर्दहीमिला।अवस्थीबतातेहैंकिजंगलकटतेजारहेहैं।बेतहाशाखननहोरहाहै,इसपरअंकुशनहींहै।कभीसूखेसेतोकभीओलावृष्टिसेचारानष्टहोगया।आठसालपहलेआएमनमोहनसिंहसेलेकर2014मेंआएनरेंद्रमोदीतकनेसिर्फउम्मीदेंजगाईं।विधानसभाचुनावमेंराहुलगांधीनेमहोबासे'बुंदेलखंडबचाओÓपदयात्राकीशुरुआतकी।पूर्वमुख्यमंत्रीअखिलेशयादवबार-बारबुंदेलखंडगए,मगरहालातज्योंकेत्योंरहे।नेताओंनेइसेकुर्सीहासिलकरनेकाकिस्साबनायालेकिन,अन्नदाताकीलड़ाईकिसीनेनहींलड़ी।सियासतऔरनौकरशाहहीनहींप्रकृतिभीरूठीबुंदेलेसरकारऔरउनकीमशीनरीकेहीहाशियेपरहीनहींरहेबल्किप्रकृतिनेभीउन्हेंकमजोरकिया।पहलेबारिशनहोनेसेसूखाझेलातोदोवर्षसेकिसानोंनेअतिवृष्टिऔरओलावृष्टिकीसमस्याकाभीसामनाकिया।अबतोमानोंकिसानोंनेसमस्याओंकासामनाकरनेकोनियतिमानलियाहै।सरकारीमददभीनाकाफीकेंद्रसरकारनेकिसानोंकीहालतसुधारनेकेलिएफसलबीमायोजनाकीशुरुआतकी।हालांकियहयोजनासिर्फबुंदेलीकिसानोंकेलिएनहींहैलेकिनयहभीयहांकेकिसानोंकीचोटपरमरहमनहींलगासकी।किसानोंकाकहनाहैकिबैंकप्रबंधनज्यादातरफसलोंकाबीमातभीकरतेहैंजबफसललगभगकटनेकीकगारपरपहुंचजातीहै।बुंदेलखंडमेंकिसानसालभरमेंएकहीफसलबोपाताहै।ऐसीस्थितिमेंइसयोजनाकाबहुतलाभकिसानोंकोनहींमिलपाताहैे।यहांकिसानोंकीजमीन,मवेशीऔरचाराबचानेकोअबतकसार्थकपहलहीनहींहुई।नबीजउनतकपहुंचेऔरनखादयातकनीक।पाठाकेजंगलोंमेंतेंदूकेपत्तोंकीबिनाईसेसैकड़ोंपरिवारोंकीरोजीरोटीचलतीथीलेकिनडकैतोंकेदखलऔरजंगलोंकेकटानसेधीरे-धीरेयहभीखत्महोतागया।महोबाकेअकौनाकेकिसानकहतेहैंकिसरकारोंकोकिसानोंपरआधारितयोजनाएंबनानीहोंगी।जैविकखेतीकोबढ़ावादेनाहोगा।सरकारकोचाहिएसिर्फराजस्वप्राकृतिकसौगातोंकेमामलोंमेंबुंदेलखंडकीबराबरीकिसीसेभीनहींकीजासकतीहै।नदियोंकाकलरवऔरउसकीतलहटीमेंचमकतालालसोनाऔरपहाड़ोंकीसंपदाइसक्षेत्रकोविशेषबनातीहै।पिछलेकुछसालोंसेनदियोंकेसीनेछलनीकरनेकासरकारोंनेऐसासिलसिलाशुरूकियाकिअबजहांनदियोंकेजलस्रोतसमाप्तहोतेजारहेहैंऔरजलधाराभीसिमटतीजारहीहै।नदियोंकोहरकदमपरछलनीकियाजारहाहै।प्राकृतिकधरोहरमिटतीहैतोमिटजाए,अधिकसेअधिकसरकारकोराजस्वमिलनाचाहिए,इसतर्जपरखदानोंकाआवंटनकियाजारहाहै।आवंटनकेबादरहीसहीकसरमौरंगकारोबारीपूरीकररहेहैं।अवैधखननकरकेवहकारोबारीसेमौरंगमाफियाबनतेजारहेहैं।इससालअवैधखननपरहुईकार्रवाईइसकीबानगीहै।बांदा,चित्रकूट,हमीरपुर,जालौनवमहोबामेंइसकदरखननहोरहाहैकियहांनदियांनालोंसेभीबदतरहोचुकीहैं,यदिबरसातनहोतोशायदहीअबकभीयहअपनेमूलस्वरूपकोपासकें।पर्यटनकाकेंद्रबनसकताहैबुंदेलखंडआरटीआईकार्यकर्ताआशीषसागरकाकहनाहैकिचुनावफिरहै।पुरानेजख्मकुरेदेजारहेहैंलेकिन,चुनावकेबादकोईपूछनेतकनहींआताहै।बुंदेलखंडमेंसैकड़़ोंपुरातत्वस्मारकहैं,जिन्हेंपर्यटनस्थलकादर्जादेकरक्षेत्रमेंबदलावलायाजासकताहै।बांदा-चित्रकूटऔरमहोबामेंहीकईऐसेपर्यटनस्थलहैं,जिन्हेंविकसितकरनेकीगुंजाइशहैं।80फीसदकिसानकर्जदारहैबुंदेलखंडकेपश्चिमयानीमहोबामेंदोदर्जनछोटे-बड़ेबांधहोनेकेबादभीपानीकासंकटहै।वीरभूमिधनधान्यसेकिसीभीमामलेमेंकमजोरनहींहै।यहांकीजमीनभीउपजाऊहै।शहरसेलेकरग्रामीणक्षेत्रोंमेंसंपन्नतादेखीजासकतीहैलेकिन,यहांकिसानोंकेपाससिंचाईकेसंसाधनोंकाटोटाहै।महोबामें2005मेंसूखापड़ाथाऔरइसकेबादओलावृष्टिवअतिवृष्टिकेकारणयहांकाकिसानपूरीतरहटूटतेगए।सैकड़ोंकिसानोंनेआत्महत्याकरली।बुंदेलखंडकिसानयूनियनकेराष्ट्रीयउपाध्यक्षश्रवणकुमारकेमुताबिकउनकेसर्वेमेंअभीतकदससालोंमेंकरीब10-11हजारकिसानोंनेआत्महत्याकीऔर80फीसदकिसानकर्जदारहैं।आत्महत्याकेआंकड़ोंकीनजरसेदेखेंतोसबसेज्यादाआत्महत्याएंमहोबाऔरपाठाक्षेत्रमेंहीहुई।उन्होंनेबतायाकिपिछलेदोदशकोंमेंबनेबांधोंमेंअधिकांशयातोसूखेहैंयापानीहोनेपरभीउसकापूरालाभकिसानोंकोमिलनहींपाताहै।करीबआठलाखकीआबादीऔर250ग्रामपंचायतवालेमहोबाकेकिसानोंकेदर्दकोजनप्रतिनिधियोनेकभीबड़ीसमस्यामानाहीनहीं।नकभीकिसीनेजनआंदोलनकियाऔरनहीकिसीविधायकनेविधानसभामेंसवाल-जवाबकरनेकीजहमतउठाई।किसनेकबक्याकहाबुंदेलखंडवीरोंकीधरतीहै।यहांकीजनतावधरतीकोप्यासानहींरखाजाएगा।यहभूमिपंडितपरमानंदजी,वीरआल्हाउदल,वीरांगनारानीलक्ष्मीबाई,झलकारीबाई,दुर्गाबाईआदिकीतपोभूमिरहीहै।बुंदेलखंडकेसमुचितविकासकेलिएप्रदेशवदेशकीसरकारेंदृढ़संकल्पितहैं।बुंदेलखंडमेंजलसंकटऔरअन्नाप्रथाकीसमस्याकीसबसेअधिकचर्चाहोतीहै।प्रदेशसरकारइनदोनोंसमस्याओंकेसाथ,बुंदेलखंडकीसभीसमस्याओंकेनिस्तारणकेलिएपूरीतरहसेप्रतिबद्धहै।-मुख्यमंत्रीबननेकेबादहमीरपुरमेंसभाकेदौरान,योगीआदित्यनाथ
बुंदेलखंडमेंबहेगीविकासकीगंगाहमनेयहांदौराकरग्रामीणोंकेरहनसहनकास्तरजानाहै।सरकारबुंदेलोंकेजीवनकोबदलनेकीहरसंभवकोशिशकरेगी,बुंदेलखंडमेंविकासकीगंगाबहाईजाएगीऔररोजगारकेअवसरपैदाकिएजाएंगे।-वर्ष2008मेंराहुलगांधी(राहुलकेदौरेकेबादतत्कालीनप्रधानमंत्रीमनमोहनसरकारनेबुंदेलखंडकेसबसेबड़ेपैकेजकरीबसातहजारदोसौकरोड़(3505करोड़यूपीऔर3760करोड़एमपी)केरिलीफफंडकाऐलानकियाथालेकिनयेपैकेजभीबुंदेलखंडकीदशाऔरदिशानहींबदलसका।)
बदलजाएगीबुंदेलखंडकीतस्वीरकेन-बेतवागठजोड़कोलेकरउनकेमंत्रालयकीतैयारियांपूरीहैं।उत्तरप्रदेशऔरमध्यप्रदेशकेमुख्यमंत्रियोंकेबीचअनुबंधहोतेहीदोदिनकेभीतरटेंडरजारीकरदिएजाएंगे।येपरियोजनाबुंदेलखंडकीतस्वीरबदलदेगी।केन-बेतवागठजोड़उमाभारतीकाड्रीमप्रोजेक्टरहाहै।-दोमाहपूर्व,केंद्रीयमंत्रीनितिनगडकरी(केनऔरबेतवाजोड़ोपरियोजना-धरातलपरलानेकेलियेमध्यप्रदेशऔरउत्तरप्रदेशकेबीच2005मेंहीसमझौताहुआथालेकिनविभिन्नअड़चनोंकेकारणइसेअबतकनहींशुरूकियाजासकाहै।जिनमेंपन्नाटाइगररिजर्व,पर्यावरणमंजूरी,पारिस्थितिकीकोहोनेवालेनुकसानसेजुड़ेमुद्दे,राज्योंकेबीचविवाद,फसलोंकेवर्तमानपैटर्नपरपडऩेवालाप्रभावआदिशामिलहैं।)
मनमोहनसिंहनेभीजताईथीचिंताबुंदेलखंडमेंविकासकीधीमीगतिकेलिएगैरकांग्रेसीसरकारजिम्मेदारहैं।इलाकेकीस्थितिमेंसुधारकेलिएघोषितपैकेजकोसार्थकसाबितकरनेकेलिएकेंद्रतथाइनदोनोंराज्योंकीसरकारोंकोपरस्परतालमेलसेकामकरनाहोगा।संप्रगसरकारबुंदेलखंडकेविकासकेलिएप्रतिबद्धहैऔरसरकारइसक्षेत्रकेहालातबदलेगी।पैकेजमेंपानीकीव्यवस्थापरखासजोरदियाहै।इसकेतहतवर्षाकेजलकोएकत्रकरनेऔरनदियोंकेपानीकासहीइस्तेमालकरनेकोबढ़ावादियाजाएगा।-वर्ष2011मेंबांदामेंरैलीकेदौरानतत्कालीनप्रधानमंत्रीमनमोहनसिंह(बुंदेलखंडमेंदोदर्जनसेज्यादाबांधबनाएगए,लेकिनसोशलऑडिटमेंउनमेंनपानीहैऔरनकिसानोंकेलिएउनकीउपयोगिता)
कच्छसंवरसकताहैतोबुंदेलखंडक्योंनहींपाकिस्तानबॉर्डरपरस्थितकच्छकीपहचानउजाड़रेगिस्तानकेरूपमेंथी,पीनेकापानीतकनहींथा।अधिकारीयहांतैनातीनहींचाहतेथे,तोलोगरहनापसंदनहींकरतेथे।कच्छमेंलोगबेटियोंकीशादीतकनहींकरतेथे।वर्ष2001मेंकच्छमेंप्रलयंकारीभूकंपआया।मुख्यमंत्रीरहतेहुएकच्छकेविकासकाअवसरमिला।आजदेशमेंसबसेतेजगतिसेआगेबढऩेवालेजनपदोंमेंकच्छशामिलहै।अगरकच्छसंवरसकताहै,तोबुंदेलखंडक्योंनहीं।-फरवरी19मेंप्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदी(20हजारकरोड़केयोजनाओंकीसौगातदी,9हजारकरोड़कीपेयजलयोजनापरियोजनासेबुंदेलखंडकीप्यासबुझाईजाएगी।फिलहालघोषणाकेएकपखवाड़ेबादहीआचारसंहितालगगई।)
बुंदेलखंडकेजिलोंकीआबादी