-तालाबोंकाकियाजारहाअतिक्रमण,जलसंचयकीनहींकिसीकोपरवाह
संवादसूत्र,बहादुरगंज(किशनगंज):पहलेलोगतालाबरखनाशानकीबातसमझतेथे।परंतुबढ़तीआबादीकेसाथलोगोंनेतालाबमेंमिट्टीभरकरउसकाअन्यकार्यहेतुउपयोगकरनेलगे।फलस्वरूपलोगोंकेअंदरजलसंचयकरनेकीआदतछूटतीजारहीहै।जलसंचयकेअभावमेंलोगविभिन्नसंकटसेगुजररहेहैं।बावजूदलोगइसकीमहत्ताकोअनदेखीकररहेहैं।यदिआमजनकुछछोटी-छोटीबातोंपरध्यानदेकरअमलकरनाशुरूकरदेंतोनिश्चितरूपसेजलसंकटकीसमस्याओंसेहदतकनिजातमिलसकताहै।
तालाबवजलाशयोंकीरखरखावकेसाथसाफ-सफाईकेअभावमेंइसकाअस्तित्वखतरेमेंपड़गयाहै।लिहाजादैनिकजागरणद्वाराइसकेलिएलोगोंकेबीचजागरूकताअभियानचलाईजारहीहै।इसीकड़ीमेंकहांगयेतालाबअभियानकेतहतजबप्रखंडकेभाटाबाड़ीनिवासीरणधीरकुमारसिंह,बंशीधरसिंह,आलोककुमारसिन्हासहितकईलोगोंनेबतायाकिदो-तीनदशकपहलेजहांग्रामीणक्षेत्रोंमेंतालाबरखनाशानकीबातसमझीजातीथी।लोगखुलेमेंतालाबवजलाशयमेंस्नानकरतेथे।वहींकुछलोगवेशियोंकोनहलानेकेक्रममेंपानेमेंडुबकीलगातेथे।इसकेइतरजलाशययातालाबमेंपाटकोभींगानेकेसाथ-साथसिचाईकेरूपमेंइस्तेमालकियाकरतेथे।परंतुसमयकेसाथसाथबहुतकुछपरिवर्तनहोतागया।जिससेआमआदमीबेहतरीकेजगहधीरे-धीरेजलसंकटकीदौरसेगुजररहेहैं।स्थानीयलोगोंनेएकबारपुन:तालाबवजलाशयकीआवश्यकतामहसूसकरतेहुएइसेसुरक्षितरखनेकासंकल्पलिया।ताकिआनेवालेसमयमेंजलसंकटसेबचाजासके।
लगभगसवासौसालपूर्वरहमानगंजमेंसाधुरामविश्वासद्वाराकालीमंदिरकेसमीपतालाबकानिर्माणकरवायागयाथा।जहांप्रतिदिनग्रामीणसहितदूर-दराजसेआएश्रद्धालुगणस्नानकरमांकालीकीपूजाअर्चनाकियाकरतेथे।परंतुगत25-30वर्षोसेयहतालाबअपनाअस्तित्वखोसादियाहै।आजजलकुंभीसहितजंगलकासाम्राज्यस्थापितहोगयाहै।जागरणकेअभियानसेप्रभावितहोकरराजेश्वरप्रसादसिंह,वार्डसदस्यगोविन्दलालसिंह,हरिहरप्रसादसिंह,आनन्दकुमार,मुकेशकुमारवकाशीकुमारसिंहसहितग्रामीणोंनेएकबारफिरपूर्वजोंकेधरोहरकोसाफसुथराकरतालाबकोभव्यरूपदेनेकाशपथलिया।