संवादसूत्र,आटा:अन्नाजानवरकिसानोंकेलिएबड़ीसमस्याबनतेजारहेहैं।लाखकवायदकेबादभीकिसानोंकीमेहनतछुट्टामवेशीचटकरनेकेसाथरौंदरहेहैं।कहटागांवकेकिसानोंकीसातबीघाफसलमंगलवाररातबेसहाराजानवरचटकरगए।बाकीकीउनकीधमाचौकड़ीमेंचौपटहोगई।किसानोंकाकहनाहैकिगोशालाकेनामपरकेवलछलकियाजारहाहै।उनकीमेहनतदेखतेहीदेखतेबर्बादहोरहीहै।सालभरचूल्हाकैसेजलेगा,यहसमस्याआनखड़ीहोगईहै।
ग्रामकहटानिवासीकैलाशकेतीनबीघाकीचना,महिपालकीदोबीघाकीचनाऔरफूलसिंहकेदोबीघालाहीकीफसलकोअन्नामवेशियोंनेरौंददिया।काफीबड़ेभूभागकीफसलकोचटकरकेबिलकुलबर्बादकरदिया।सुबहखेतोंपरपहुंचेकिसानोंनेदेखातोसिरपकड़करबैठगए।गुहारकेबादभीउनकीसमस्याकीओरकिसीनेध्याननहींदिया।किसानोंकाकहनाहैकिइलाकेमेंसैकड़ोंछुट्टाजानवरखुलेमेंघूमरहेहैं।वहलोगरातभररखवालीकरतेहैं।जरूरीकामसेजानेपरमेहनतचटमिलतीहै।अबअन्नाजानवरजिसतरहसेकिसानोंकीक्षतिकररहेहैंउससेउनकीएकसालजीविकाछिनजातीहै।जिससेकिसानोंकेआगेअपनेपरिवारकाजीवनयापनकरनेकेलिएएकबहुतबड़ाप्रश्नखड़ाहोजाताहै।