बासुकीनाथ:किसानोंकीसीमितभूमि,मौसमीबेरुखी,कमखादबीजवपानीकेबावजूदभीकिसानकमपानीचलागतसेअधिकउपजप्राप्तकरसकतेहैं।इसकेलिएकिसानोंकोपरम्परागतकृषितकनीककोत्यागकरआधुनिकपद्धतिसेउन्नतखेतीकरनीचाहिए।पशुपालन,मुर्गी,बत्तखपालनवदुग्धउत्पादनपरभीध्यानदेनाचाहिए।
उपरोक्तबातेंजिलापरिषदसदस्यसहसांसदप्रतिनिधिजयप्रकाशमंडलनेजरमुंडीप्रखंडकेबनवारापंचायतअंतर्गतबांधडीहवबनवारागांवमेंराष्ट्रीयजैविकउत्पादनकार्यक्रमकेतहतआयोजितकृषकप्रशिक्षणसहउन्मुखीकरणकार्यक्रमकोसम्बोधितकरतेहुएकही।उन्होंनेकहाकिवर्तमानसमयमेंरसायनिकखादएवंदवाकाप्रयोगकरनेसेमिट्टीकाउर्वराशक्तिदिनप्रतिदिनघटरहीहै।जमीनकेअंदरएवंबाहरजोहमारेमित्रकीटहोतेहैंअत्यधिकरासायनिकखादएवंदवाकेप्रयोगकरनेसेनष्टहोजातेहै।इससेफसलकेउत्पादनमेंभीप्रभावपड़ताहै।जैविकखादएवंदवाकाप्रयोगकरनेसेमित्रकीटकीसंख्यामेंवृद्धिहोतीहैऔरफसलोंकाउत्पादनअधिकहोताहै।जैविकखादएवंदवाकाप्रयोगकरनेसेफसललंबेसमयतकसुरक्षितएवंताजारहतीहै।जिसेअन्यराज्योंएवंविदेशोंमेंआसानीसेभेजाजासकताहै।जिससेकिसानोंकोभीउत्पादनकासहीसमर्थनमूल्यप्राप्तहोताहैएवंकिसानकेआयमेंवृद्धिहोतीहै।झारखंडमेंउत्पादितपपीता,कटहल,टमाटर,गोभी,बैगनएवंअन्यफसलमेंजोगुणवत्तापाईजातीहैवहदेशकेअन्यप्रांतोंएवंविदेशोंमेंभीनहींपाईजातीहै।जिसकेकारणझारखंडकेफसलोंकीमांगदेशकेसाथसाथविदेशोंमेंभीअधिकहै।किसानोंकोसमेकितकृषिप्रणालीअपनानेकीसलाहदी।शिविरमेंचयनितकिसानोंकेबीचजैविकखादएवंदवाकावितरणकिया।कहाकि18नवम्बरकोजिलामुख्यालयमेंशिविरलगाकरफसलबीमाकीराशिकाकिसानोंकोभुगतानकियाजाएगा।उन्होनेंरासायनिकखादकेदुष्प्रभावसेअवगतकरातेहुएजैविकखेतीकोप्रोत्साहितकरनेपरजोरदिया।वैदिकऑर्गेनिकसर्टिफिकेशनएजेंसीकेकर्मियोंनेकिसानोंकोजैविकखादएवंजैविकफसलकीउपयोगिताकेबारेमेंविस्तारपूर्वकबताया।किसानोंकोजैविकपद्धतिसेजैविकखेतीअपनानेकीसलाहदी।मौकेपरविजयकुमार,धनदेवकुमार,बालेश्वरमिर्धा,परमानंदभंडारी,महाप्रसादमिर्धा,राजकुमारमिर्धा,कांग्रेसभंडारी,सुनीतादेवी,महेशभंडारी,विकासकुमारमंडल,महेंद्रमंडल,श्रीकांतमिर्धासहितअन्यमौजूदथे।